बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने आज 27 सितंबर को बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में शामिल हो गए। गुप्तेश्वर पांडेय को आज शाम बिहार के मुख्यमंत्री व जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार ने अपने आवास पर पार्टी की औपचारिक सदस्यता दिलाई।
गुप्तेश्वर पांडेय 22 सितंबर को लिए थे वीआरएस
गुप्तेश्वर पांडेय ने पांच दिन पहले यानि 22 सितंबर को बिहार के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के पद से वीआरएस लिया था। अब चर्चा है कि गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर के किसी विधानसभा से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि, जदयू की सदस्यता ग्रहण करने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय ने मीडिया से कहा कि मैं पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं, अब चुनाव लड़ने या ना लड़ने का फैसला पार्टी का होगा, मेरा नहीं। उन्होंने कहा कि यह पार्टी के ऊपर है कि वो मुझसे कैसी सेवा चाहती है।
नीतीश कुमार हमारे नेता हैं- गुप्तेश्वर पांडेय
गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे नेता हैं, पार्टी जो भी हमसे कहेगी वह करूंगा, मैं दिल का साफ आदमी हूं, मुझे तो अभी पता भी नहीं है कि राजनीति क्या होती है, जो भी हमारे नेता का आदेश होगा उसका पालन होगा। ध्यान रहे कि गुप्तेश्वर पांडेय वर्ष 2019 में बिहार के डीजीपी बने थे, वे सुशांत सिंह राजपूत केस को लेकर भी काफी चर्चा में रहे।
गुप्तेश्वर पांडेय ने कल नीतीश से की थी मुलाकात
इससे पहले गुप्तेश्वर पांडेय ने कल 26 सितंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी, इसके बाद उनके जदयू में शामिल होकर तीर चलाने और प्रदेश में विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गईं थीं। गुप्तेश्वर पांडेय ने नीतीश कुमार से मुलाकात करने के बाद कहा था कि मेरी कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है, उनको धन्यवाद देने आया था कि उन्होंने मुझे पूरी स्वतंत्रत रूप से कार्य करने का मौका दिया था, सेवानिवृत्ति के बाद मैं सिर्फ उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहता था।
बेबाक अंदाज के लिए चर्चित हैं गुप्तेश्वर पांडेय
फिलहाल गुप्तेश्वर पांडेय गूगल पर भी खूब सर्च किए जा रहे हैं, बीते 24 घंटे में वे गूगल सर्च के टॉप 10 में शामिल रहे। वे सुशांत सिंह राजपूत मामले के कारण पूरे देश में चर्चा में आए, तब उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस पर बिहार पुलिस को जांच में असहयोग करने का आरोप लगाया था। गुप्तेश्वर पांडेय ने ही सुशांत सिंह के मौत की मामले की सीबीआई से जांच कराने को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया था, इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। गुप्तेश्वर पांडेय ने रिया चक्रवर्ती को कह दिया था कि उनकी औकात नहीं है कि बिहार के मुख्यमंत्री पर टिप्पणी करने की।