पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत-चीन के बीच बनी तनाव की स्थिति के दौरान एलएसी पर अब चीन की सेना पीछे हट गई है।
गलवान घाटी में चीन ने 1.5 से 2 किलोमीटर तक अपने टेंट पीछे किए
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को चीन की सेना के साथ हुई हिंसक झड़प के बाद से भारत-चीन के बीच बनी तनाव की स्थिति के दौरान एलएसी पर अब चीन की सेना पीछे हट गई है। माना जा रहा है कि चीन ने यह कदम भारत के दबाव के चलते उठाया है। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन ने 1.5 से 2 किलोमीटर तक अपने टेंट पीछे कर लिए हैं, इसको लेकर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने चीन के स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री वांग यी का बयान छापा है।
तनाव घटाने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए- वांग यी
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, वांग यी ने कहा है कि चीन तथा भारत के बीच तीसरे कमांडर स्तर की वार्ता हुई और अब तनाव को घटाने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। ध्यान रहे कि चीन का यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब चीन ने भारत के चौतरफा दबाव के आगे झुकते हुए गलवान घाटी में संघर्ष वाली जगह से 1.5 किलोमीटर अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है।
अजित डोभाल ने की थी चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बात
ध्यान रहे की एनएसए यानि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने वीडियो कॉल के जरिए 5 जुलाई चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत की थी। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि बातचीत सौहार्दपूर्ण रही, अजीत डोभाल और वांग यी के बीच एलएसी पर शांति बनाए रखने तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एक साथ काम करने को लेकर बातचीत हुई, दोनों के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है जब चीन की सेना गलवान घाटी के कुछ हिस्सों से तंबू हटाते और पीछे हटती दिखी है।