दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने मुख्यमंत्री पद संभालते ही श्रमिकों के लिए सरकार का खजाना खोल दिया है। मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी बढ़ा दी है। आपको बता दें कि दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने के बाद मुख्यमंत्री आतिशी का यह बड़ा फैसला है।
दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी का फैसला
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की आतिशी सरकार ने न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। दिल्ली सरकार ने अकुशल मजदूर के लिए न्यूनतम मजदूरी 18,066 रुपया प्रति महीना कर दिया है, इससे पहले यह 17,494 था। अर्धकुशल श्रमिक को अब कम से कम 19,929 रुपये प्रति महीने मिलेंगे, इससे पहले यह 19,279 रुपये थी। कुशल श्रमिकों के न्यूनतम मजदूरी को 21,215 से बढ़ाकर 21,917 रुपये कर दी गयी है।
दिल्ली-केरल में न्यूनतम मजदूरी सबसे ज्यादा है
आपको बता दें कि देश में अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी दर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अलग-अलग है। हालांकि, अकुशल श्रमिकों के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन करीब 178 रुपये प्रतिदिन या 5,340 रुपये प्रति माह है। दरअसल, दिल्ली सरकार की तरफ से न्यूनतम मजदूरी दर को लगातार समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा है। देश में केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और केरल में न्यूनतम मजदूरी सबसे ज्यादा है।
क्या है न्यूनतम मजदूरी?
ध्यान रहे कि न्यूनतम मजदूरी वह न्यूनतम राशि है जो एक नियोक्ता को अपने किसी भी कर्मचारी को कानूनी रूप से भुगतान करनी होती है, यह एक तरह से मजदूरी की वह सीमा होती है, जिससे कम किसी भी कर्मचारी को भुगतान नहीं किया जा सकता है। भारत में राज्यों की सरकारों की तरफ से इसे समय-समय पर तय किया जाता है। इसका उद्देश्य है कि सभी कर्मचारियों को कम से कम एक निश्चित राशि मिले, चाहे वे किसी भी काम में लगे हों। भारत में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 1948 के तहत न्यूनतम मजदूरी निर्धारित की जाती है, इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार और राज्य सरकारें विभिन्न क्षेत्रों के लिए अलग-अलग न्यूनतम मजदूरी निर्धारित करती हैं।