सीपीआई (एम) यानि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का गुरुवार को निधन हो गया। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त 2024 को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। 25 दिन से उनका इलाज चल रहा था।
येचुरी का 72 साल की उम्र में निधन
सीपीआई (एम) के महासचिव और पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी का गुरुवार 12 सितंबर 2024 को निधन हो गया। सीताराम येचुरी 72 साल के थे और लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने दिल्ली एम्स में आखिरी सांस ली। सीताराम येचुरी का पार्थिव शरीर शनिवार को सीपीएम दफ्तर लाया जाएगा। सीताराम येचुरी ने अपना शरीर रिसर्च और टीचिंग के लिए डोनेट कर रखा है, इसलिए दफ्तर से वापस इसे दिल्ली एम्स ले जाया जाएगा। सीताराम येचुरी को दिल्ली एम्स के आईसीयू में एडमिट किया गया था, यहां उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण का इलाज चल रहा था। येचुरी पिछले कुछ दिनों से रेस्पिरेटरी सपोर्ट पर थे, डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी। गौरतलब है कि सीतारम येचुरी ने साल 2015 में प्रकाश करात की जगह सीपीएम महासचिव का पद संभाला था।
दिल्ली एम्स में एडमिट थे येचुरी
सीताराम येचुरी को 19 अगस्त 2024 को दिल्ली एम्स के इमरजेंसी वार्ड में एडमिट किया गया था, उन्हें निमोनिया और चेस्ट इंफेक्शन की शिकायत थी, इसके बाद उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। इससे पहले मंगलवार को सीपीआई-एम ने बयान जारी कर कहा था कि येचुरी को आईसीयू में रखा गया है, जहां उनका श्वसन तंत्र में संक्रमण का इलाज चल रहा है।
राहुल-ममता-नायडू ने जताया दुख
सीताराम येचुरी के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने दुख जताया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि सीताराम येचुरी जी दोस्त थे, उन्हें भारत की गहरी समझ थी और वे भारत की विचारधारा के रक्षक थे, मैं उनके साथ लंबी बातचीत को मिस करूंगा, उनके परिवार, दोस्तों और समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सीताराम येचुरी के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि सीताराम येचुरी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ, उनका निधन देश की राजनीति को बड़ा नुकसान है, मैं उनके परिवार, दोस्तों और करीबियों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करती हूं। सीताराम येचुरी के निधन पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि येचुरी जी के निधन पर गहरा दुख हुआ, वह भारतीय राजनीति के एक दिग्गज नेता थे, वह मुद्दों की बारीक समझ रखने वाले और जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव के लिए जाने जाते थे, उनकी आत्मा को शांति मिले।
येचुरी ने 1974 में की थी राजनीति की शुरुआत
सीताराम येचुरी ने साल 1974 में स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया से जुड़कर छात्र राजनीति की शुरुआत की थी, इसके कुछ दिन बाद वे सीपीआई एम के सदस्य बन गए थे। इमरजेंसी के दौरान सीताराम येचुरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
12वीं परीक्षा में देशभर में पहली रैंक हासिल की
सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। येचुरी ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया और फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से इकोनॉमिक्स में एमए किया। उन्होंने पीएचडी के लिए जेएनयू में एडमिशन लिया था, हालांकि, 1975 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के कारण पूरा नहीं कर सके।