भारतीय रेलवे ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज से किसान ट्रेन की शुरुआत कर दी है। रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज किसान ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, इस अवसर पर महाराष्ट्र के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल भी उपस्थित थे।
किसान ट्रेन की हुई शुरुआत
भारतीय रेलवे ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज यानि 7 अगस्त से किसान ट्रेन की शुरुआत कर दी है। रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज किसान ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, इस अवसर पर महाराष्ट्र के खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री छगन भुजबल भी उपस्थित थे। अभी यह पहली किसान ट्रेन महाराष्ट्र से बिहार तक के लिए चल रही है, यह ट्रेन आज सुबह 11 बजे महाराष्ट्र के देवलाली स्टेशन से रवाना हुई और बिहार के दानापुर स्टेशन तक जाएगी।
किसान ट्रेन में लगे हैं रेफ्रिजरेटेड कोच
किसान ट्रेन में रेफ्रिजरेटेड कोच लगे हैं, इसे रेलवे ने 17 टन की क्षमता के साथ नए डिजायन के रूप में निर्मित करवाया है, इसे रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में बनाया गया है, इस ट्रेन में कंटेनर फ्रीज की तरह हैं, मतलब यह एक चलता-फिरता कोल्ड स्टोरेज है, इसमें किसान खराब होने वाले सब्जी, फल, फिश, मीट, मिल्क रख सकेंगे यानि इस ट्रेन से फलों-सब्जियों जैसे ऐसे आइटम की ढुलाई की जाएगी जो जल्दी खराब हो जाते हैं।
पहली किसान ट्रेन देवलाली से दानापुर के बीच
ये किसान ट्रेन हफ्ते में एक बार चलेगी, यह महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित देवलाली से सुबह 11 बजे चलेगी और अगले दिन शाम 6.45 बजे पटना के पास स्थित दानापुर स्टेशन पर पहुंचेगी, इस तरह यह अपनी यात्रा में करीब 32 घंटे लगाएगी। इस यात्रा के दौरान किसान ट्रेन करीब 1519 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। देवलाली से चलने के बाद यह ट्रेन नासिक रोड़, मनमाड़, जलगांव, भुसावल, बुरहानपुर, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, सतना, कटनी, मणिकपुर, प्रयागराज, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर और बक्सर में रुकेगी।
इस ट्रेन का ऐलान फरवरी में हुआ था
केंद्र सरकार से वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है, इसी कड़ी में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में बजट भाषण के दौरान ऐलान किया था कि किसान फल-सब्जी देश के उन शहरों में बेच सकते हैं, जहां उन्हें उसकी अच्छी कीमत मिलेगी, इसके लिए किसान ट्रेन चलाई जाएगी, इस सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) योजना के तहत शीत भंडारण के साथ किसान उपज के परिवहन की व्यवस्था होगी। ध्यान रहे रि एयरकंडीशनिंग की सुविधा के साथ फल एवं सब्जियों को लाने ले जाने की सुविधा का प्रस्ताव पहली बार 2009-10 के बजट में उस समय रेल मंत्री रहीं ममता बनर्जी ने किया था, लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो सकी थी।