भारत बायोटेक की पहली नेजल कोरोना वैक्सीन यानि नाक के रास्ते दी जाने वाली कोरोना वैक्सीन को डीसीजीआई (Drug Controller General of India) की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने इस बात की जानकारी दी।
मनसुख मंडाविया ने दी जानकारी
भारत बायोटेक को इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन के लिए डीसीजीआई (DCGI) से इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ये जानकारी दी। ये कोरोना के लिए भारत का पहला नाक का टीका होगा। मनसुख मंडाविया ने कहा कि यह नेजल वैक्सीन भारत में 18 साल से ज्यादा के लोगों को इमरजेंसी की हालत में दी जा सकेगी।
मनसुख मंडाविया ने क्या कहा?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर लिखा कि कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई को बड़ा बूस्ट मिला है, भारत बायोटेक के ChAd36-SARS-CoV-S COVID-19 (चिंपांजी एडेनोवायरस वेक्टरेड) रीकॉम्बिनेंट नेजल वैक्सीन को आपातकालीन स्थिति में 18 साल से ज्यादा आयु वर्ग के उपयोग के लिए अनुमति दी गई है। डॉ. मनसुख मंडाविया ने आगे कहा कि यह कदम कोरोना महामारी के खिलाफ हमारी सामूहिक लड़ाई को और मजबूत करेगा, भारत ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने विज्ञान, अनुसंधान एवं विकास और मानव संसाधनों का उपयोग किया है, विज्ञान संचालित दृष्टिकोण और सबके प्रयास के साथ, हम कोविड-19 को हरा देंगे।
क्या है नेजल वैक्सीन?
नेजल वैक्सीन में वैक्सीन की खुराक नाक के माध्यम से दी जाती है, न कि मौखिक रूप से या हाथ के माध्यम से। नेजल वैक्सीन को या तो एक विशिष्ट नाक स्प्रे के जरिए या एरोसोल डिलीवरी के माध्यम से इंजेक्ट किया जाता है।
अगस्त 2022 में पूरा किया परीक्षण
भारत बायोटेक ने अगस्त 2022 में अपने इंट्रानैसल (Intranasal) कोविड-19 वैक्सीन के लिए तीसरे चरण और बूस्टर खुराक का परीक्षण पूरा किया था, जिसके बाद भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने कहा था कि इंट्रानैसल कोविड-19 वैक्सीन के लिए 2 अलग-अलग परीक्षण किए हैं, 1 पहली डोज के रूप में और दूसरा बूस्टर खुराक के रूप में।