वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 31 मई तक 68 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, कोरोना का कहर भी देश में दिन पर दिन लगातार बढ़ता ही जा रहा है, इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर कुछ ज्यादा ही तेज है, दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन दिल्ली में राहत की खबर यह है कि यहां कोरोना संक्रमण के डबलिंग रेट में सुधार हुआ है।
दिल्ली में कोरोना डबलिंग रेट में सुधार हुआ है
वैश्विक महामारी कोविड-19 की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 31 मई तक 68 दिनों के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन जारी है, कोरोना का कहर भी देश में दिन पर दिन लगातार बढ़ता ही जा रहा है, इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना का कहर कुछ ज्यादा ही तेज है, दिल्ली में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लेकिन दिल्ली में राहत की खबर यह है कि यहां कोरोना संक्रमण के डबलिंग रेट में धीरे-धीरे सुधार हुआ है। यह कहीं न कहीं दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए राहत की बात है।
मई की शुरुआत में कोरोना डबलिंग रेट 11 दिन का था
दिल्ली में अगर केवल मई की ही तुलना करें तो शुरुआत में डबलिंग रेट 11 दिन का था, बाद में यह 13 दिन का हुआ तथा अभी 14 दिन का हो गया है। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के डबलिंग रेट को इस तरह से समझ सकते हैं कि 30 अप्रैल तक दिल्ली में कोरोना के 3515 मामले थे, जो 11 मई को 7233 तक पहुंच गई, यानि 11 दिन में डबलिंग हुआ।
18 मई तक कोरोना डबलिंग रेट 13 दिन का था
अब 5 मई को दिल्ली में 206 कोरोना मामले आए और आंकड़ा पहली बार 5 हजार के पार 5104 तक पहुंचा, 5 हजार से 10 हजार तक कोरोना संक्रमण 18 मई को पहुंचा, 18 मई को 299 कोरोना मामले आए और कुल कोरोना मरीजों की संख्या 10,054 तक पहुंच गई, तो यहां पर डबलिंग होने में 13 दिन लगे।
20 मई को कोरोना डबलिंग रेट 14 दिन का हो गया
अब हम तीसरा डबलिंग रेट को देखें तो दिल्ली में 6 मई को 428 कोरोना मामले आए और कोरोना संक्रमितों की संख्या साढ़े पांच हजार से ऊपर चला गया यह संख्या 5532 तक पहुंच गई, यहां साढ़े पांच हजार से डबल यानि 11 हजार की संख्या 20 मई को पहुंची, 20 मई को 534 कोरोना मामले आए तथा यह संख्या 11088 हो गया, अब यहां पर डबलिंग रेट 14 दिन का हो गया है। हालांकि, कोरोना संक्रमण की रफ्तार जरूर बढ़ रही है, लेकिन अभी डबलिंग रेट न केवल नियंत्रण में है, बल्कि इसमें सुधार है, जो कहीं न कहीं यह अच्छी व राहत की खबर है।