वैश्विक महामारी कोविड-19 के कहर के खिलाफ पूरी दुनिया के साथ भारत एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है, जिसके कारण केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 17 मई के बीच देशव्यापी लॉकडाउन लागू है, इस बीच कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बिहार की नीतीश सरकार को शराब की दुकान खोल कर राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की सलाह दी है।
शराबबंदी खत्म होने से बिहार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी- अजीत शर्मा
वैश्विक महामारी कोविड-19 के कहर के खिलाफ पूरी दुनिया के साथ भारत एकजुट होकर लड़ाई लड़ रहा है, जिसके कारण केंद्र सरकार द्वारा 25 मार्च से 17 मई के बीच देशव्यापी लॉकडाउन लागू है, इस बीच बिहार के भागलपुर से कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने बिहार की नीतीश सरकार को शराब की दुकान खोल कर राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने की सलाह दी है। अजीत शर्मा के इस बयान पर सतारूढ़ जदयू तथा भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है।
अजीत शर्मा ने नीतीश कुमार को शराबबंदी खत्म करने की सलाह दी
अजीत शर्मा ने लॉकडाउन की वजह से गिरती बिहार की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए बिहार सरकार से मांग की है कि बिहार में शराबबंदी खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी खत्म की जाए तथा एक बार फिर से शराब की दुकानों को खोला जाए, जिससे बिहार सरकार को जबरदस्त राजस्व की प्राप्ति होगी। अजीत शर्मा ने नीतीश कुमार से कहा कि राज्य सरकार केवल 5-6 महीने के लिए शराब की दुकानों को खोलने की इजाजत दे, ताकि लॉकडाउन की वजह से जो बिहार की अर्थव्यवस्था को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई की जा सके।
अजीत शर्मा के बयान पर जदयू-भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई
अजीत शर्मा के इस बयान को बिहार में सत्ताधारी जदयू ने बड़ा हैरान करने वाला तथा दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जदयू के प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि बिहार ने पूरे देश की जनता को बता दिया है कि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए शराब बेचना ही एकमात्र विकल्प नहीं है, अजीत शर्मा का बयान बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है। भाजपा के युवा मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अर्जित शाश्वत ने अजीत शर्मा के बयान को गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए कहा है कि अजीत शर्मा को अपने इस बयान के लिए बिहार की सभी माताओं-बहनों से माफी मांगनी चाहिए। ध्यान रहे कि बिहार में 5 अप्रैल, 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है।