बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक बड़ा बयान देकर राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव के वक्त मुझे पता ही नहीं चला कि उनका दोस्त कौन है और दुश्मन कौन है ?
CM नीतीश ने किया बड़ा खुलासा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 9 जनवरी को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के दौरान एक बड़ा खुलासा किया है। नीतीश कुमार ने 2 दिनों तक चलने वाले प्रदेश कार्यकारिणी के पहले दिन बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के वक्त मुझे पता ही नहीं चला कि उनका दोस्त कौन है और दुश्मन कौन है? राजनीतिक गलियारों में इस बात को लेकर अटकलें लगाई जा रही है कि नीतीश कुमार का यह बयान सहयोगी दल भाजपा को लेकर दिया गया है, क्योंकि बैठक में चुनाव हारने वाले कई जदयू प्रत्याशियों ने इस बात का जिक्र किया कि उनकी हार लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की वजह से नहीं बल्कि भाजपा की वजह से हुई है।
JDU नेताओं ने BJP पर उठाया सवाल
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में जिन जदयू नेताओं ने उन्हें चुनाव में मिली हार के लिए भाजपा के रोल पर सवाल उठाया उनमें चंद्रिका राय, बोगो सिंह, जय कुमार सिंह, ललन पासवान, अरुण मांझी और आसमां परवीन शामिल हैं। इन नेताओं ने साफ कहा कि चुनाव में उनकी हार लोजपा की वजह से नहीं बल्कि भाजपा की वजह से हुई है। मटिहानी विधानसभा से चुनाव हारने वाले जदयू प्रत्याशी बोगो सिंह ने कहा कि पूरे चुनाव में एक नारा चारों तरफ गूंज रहा था कि एलजेपी-बीजेपी भाई-भाई, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसका खामियाजा जदयू को भुगतना पड़ा, जो बात सच है उसे उठाना बेहद जरूरी है। बोगो सिंह ने आगे कहा कि जदयू को हराने में एलजेपी से ज्यादा जिम्मेदार भाजपा है, एलजेपी का कोई वजूद ही नहीं है, वह तो पूरी प्लानिंग के तहत काम हुआ, भाजपा के वोटर ने मुझे वोट नहीं दिया।
नीतीश मौन होकर सबकी बातें सुनते रहे
ध्यान रहे कि जिस वक्त जदयू के नेता भाजपा को लेकर आग उगल रहे थे, उस दौरान नीतीश कुमार और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मौन होकर सबकी बातें सुन रहे थे। नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार चुनाव से 5 महीने पहले ही एनडीए में सभी विषयों पर बात हो जानी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ। नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू के बिहार में 45 लाख सदस्य हैं, मगर इसके बावजूद भी चुनाव के वक्त जमीनी स्तर तक पार्टी की बातें नहीं पहुंच पाई जिसकी वजह से पार्टी का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। नीतीश कुमार ने इस बात को लेकर भी निराशा जताई कि उन्होंने पिछले कुछ सालों में बिहार के लिए जो काम किया है उसे वह जनता तक नहीं पहुंचा सके।