केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज 20 जनवरी को एक बार फिर बातचीत का दौर चला। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के बाद केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई यह दूसरी बैठक थी।
केंद्र सरकार ने किसानों को 2 प्रपोजल दिए
विज्ञान भवन में आज केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच आज 11वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है। केंद्र सरकार ने किसानों के सामने दो प्रपोजल दिए हैं। केंद्र सरकार ने किसानों को प्रस्ताव दिया कि एक से डेढ साल के लिए कृषि कानूनों पर रोक लगा दी जाए और और एमएसपी पर बातचीत के लिए नई कमेटी का गठन किया जाए, जिसमें केंद्र सरकार और किसान दोनों हो, लेकिन किसान संगठनों ने इस प्रस्ताव पर अभी राजी नहीं हुए हैं, किसान संगठन इस इस प्रस्ताव पर 22 जनवरी को जवाब देंगे। साथ ही केंद्र सरकार की ओर से यह भी अपील की गई कि इस प्रस्ताव के साथ-साथ आपको आंदोलन भी खत्म करना होगा।
अगली बैठक 22 जनवरी को होगी
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश आज के मीटिंग में केंद्र सरकार की तरफ से शामिल हुए। विज्ञान भवन में आज केंद्र सरकार ने 40 किसान संगठनों के नेताओं से बातचीत की। किसानों और केंद्र सरकार के बीच अब अगली बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे होगी। ध्यान रहे कि केंद्र सरकार ने पिछली वार्ता में 15 जनवरी को किसान संगठनों से अनौपचारिक समूह बनाकर अपनी मांगों के बारे में केंद्र सरकार को एक मसौदा प्रस्तुत करने को कहा था, हालांकि किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे थे।
कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी सरकार- तोमर
नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के बाद कहा कि हम तीनों कानूनों पर आपके साथ बिंदुवार चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार किसी भी सूरत में तीनों कृषि कानून को वापस नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं की एक कमेटी बना देते हैं, जब तक बीच का रास्ता नहीं निकलेगा तब तक हम कानून को लागू नहीं करेंगे, केंद्र सरकार ये एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में भी देने को तैयार है।