बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को 15 अगस्त 2022 को रिहा कर दिया गया है। इस फैसले के बाद गुजरात सरकार पर केंद्र सरकार की माफी नीति को गलत तरीके से अप्लाई करने के आरोप लग रहे हैं।
उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषी रिहा
गुजरात सरकार द्वारा बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को रिहा करने के बाद केंद्र सरकार के बलात्कारियों की रिहाई के खिलाफ नीतियों पर काफी धका लगा है। क्योंकि बिलकिस बानो के मामले में दोषियों के साथ कैसा व्यवहार किया जाए, इस पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार की नीतियां अलग-अलग मालूम पड़ रही हैं। इसी साल आजादी के अमृत महोत्सव पर 2 महीने पहले केंद्र सरकार ने सजायाफ्ता कैदियों की रिहाई के लिए एक नीति बनाई थी, जिसमें सभी राज्यों को दिशा-निर्देश दिए गए थे।
CBI कोर्ट ने दी थी 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा
इसमें यह स्पष्ट था कि बलात्कार के दोषी लोगों को इस नीति के तहत रिहाई नहीं मिलेगी, लेकिन बिलकिस बानो के मामले में ऐसा नहीं हुआ और सभी 11 दोषियों को रिहाई मिल गई। ध्यान रहे कि मुंबई में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने 11 दोषियों को बिलकिस बानो के साथ गैंग रेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या करने के जुर्म में 21 जनवरी 2008 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
गुजरात सरकार ने माफी याचिका पर किया था विचार
आजीवन कारावास की सजा मिलने के बाद में बंबई हाई कोर्ट ने उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। एक गर्भवती महिला से बलात्कार और हत्या की साजिश रचने के दोषी 11 लोगों को मुक्त करने में गुजरात सरकार ने मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, 1992 की अपनी नीति का पालन करते हुए दोषियों में से एक की माफी याचिका पर विचार किया था, 1992 की नीति के मुताबिक, 15 साल कैद की सजा पूरी कर चुके लोगों के लिए रिहाई का रास्ता खुलता है।
2002 में बिलकिस बानो के परिवार पर हुआ था हमला
गौरतलब है कि 3 मार्च 2002 को गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के दौरान गुजरात के दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका के रंधिकपुर गांव में भीड़ ने बिलकिस बानो के परिवार पर हमला कर दिया था। अभियोजन के मुताबिक, ‘बिलकिस उस समय 5 महीने की गर्भवती थीं, उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, इतना ही नहीं, उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या कर दी गई थी।’ अदालत को बताया गया था कि 6 अन्य सदस्य मौके से फरार हो गए थे। इस मामले के आरोपियों को 2004 में गिरफ्तार किया गया था।
बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल ने दी प्रक्रिया
गुजरात सरकार के फैसले के बारे में पूछे जाने पर बिलकिस बानो के पति याकूब रसूल ने आज 16 अगस्त 2022 को कहा कि वह 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के अपराध में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को रिहा किए जाने की खबर से हैरत में हैं। याकूब रसूल ने कहा कि वह 15 अगस्त 2022 को हुए घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह, उनकी पत्नी और 5 बेटों के पास घटना के 20 साल से अधिक समय बाद भी रहने की कोई स्थायी जगह नहीं है।