तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत आज अंतिम संस्कार कर दिया गया है। बिपिन रावत के अंतिम संस्कार में भारी भीड़ शामिल हुई। जनरल विपिन रावत जब अपने अंतिम सफर पर निकले तो रास्तों पर उनके आखिरी दर्शन के लिए लोग खड़े हुए थे।
पंचतत्व में विलीन हुए जनरल बिपिन रावत
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत आज 10 दिसंबर को पंचतत्व में विलीन हो गए हैं, उन्हें राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली छावनी के बरार स्क्वायर श्मशान घाट पर अंतिम विदाई दी गई। जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका का अंतिम संस्कार उनकी दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने नम आंखों से किया। रावत दंपति के अंतिम संस्कार से पहले उनकी दोनों बेटियों ने पिंडदान भी किया, इस दौरान उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कई देशों के अधिकारियों समेत कई हस्तियां सीडीएस जनरल बिपिन रावत के अंतिम दर्शन के लिए श्मशान घाट पहुंचे थे।
कृतिका और तारिणी ने किया अंतिम संस्कार
अंतिम संस्कार के लिए पहले सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका के शव को उनके घर से श्मशान घाट ले जाया गया, तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया, फिर तिरंगे को परिवार को सौंप दिया गया। शव यात्रा के बाद पार्थिव शरीर को अर्थी से उठाकर चिता पर रखा गया, सीडीएस रावत की दोनों बेटियों कृतिका और तारिणी ने मिलकर अपने माता-पिता का पूरे रीति रिवाज से दिल्ली के बरार स्कवायर में अंतिम संस्कार कर दिया। जनरल बिपिन रावत जब अपने अंतिम सफर पर निकले तो रास्तों पर उनके अंतिम दर्शन के लिए लोग खड़े हुए थे, विपिन रावत की अंतिम यात्रा में नागरिकों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, बिपिन जी का नाम रहेगा’ के नारे लगाए।
हेलिकॉप्टर दुर्घटना में 13 लोगों की हुई थी मौत
ध्यान रहे कि तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर की दोपहर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था, इस हेलिकॉप्टर में उस वक्त देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका के साथ मौजूद थे। सीडीएस जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य 12 लोगों के साथ नीलगिरि हिल्स के वेलिंगटन में मौजूद डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने जा रहे थे, इसी दौरान तमिलनाडु के कुन्नूर के पास सैन्य हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें मौजूद 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई।