बिहार में जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में पारित हो गया। जातीय जनगणना कराने का प्रस्ताव पारित होने के बाद इसके बारे में बिहार के नेता प्रतिपक्ष व राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जीत है।
ऑल पार्टी मीटिंग में जातीय जनगणना का प्रस्ताव पास
बिहार में जातीय जनगणना कराए जाने पर फैसला हो गया है। बिहार सरकार अपने खर्च से राज्य में जातीय जनगणना कराएगी। 1 जून 2022 को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में हुई ऑल पार्टी मीटिंग में जातीय जनगणना कराने जाने का प्रस्ताव पारित हो गया, अब जल्द ही कैबिनेट की बैठक बुलाई जाएगी। इसको लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर काफी समय लिया जा रहा था, विधानसभा और विधान परिषद में पारित होने के बावजूद भी इस पर बैठक नहीं की जा रही थी, लेकिन आज हमारी जीत हुई है, राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की जीत हुई है, बिहार के गरीब-गुरबा जनता की जीत हुई है।
इसकी लड़ाई लालू यादव ने लड़ी थी- तेजस्वी यादव
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बिहार के लोगों के हित में है, इसका विरोध करना गलत है, इसकी लड़ाई लालू यादव ने लड़ी थी और पार्लियामेंट में उन्होंने आवाज उठाई थी। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने लगातार लड़ाई जारी रखा और यही कारण है कि बिहार विधानसभा में 2 बार सर्वसम्मति से फिर यह पारित हुआ, इस जातीय जनगणना को केंद्र सरकार कराती तो ज्यादा अच्छा होता, लेकिन राज्य सरकार जब आगे आ रही है तो कम से कम केंद्र सरकार को आर्थिक मदद करनी चाहिए।
जातीय जनगणना कब हो, इस पर तेजस्वी ने दी राय
बिहार में जातीय जनगणना कब होनी चाहिए इसको लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि बैठक में उन्होंने राय दिया है कि दशहरा, दीपावली और छठ के समय बाहर में रहने वाले लोग भी अपने घर चले आते हैं, उस समय जनगणना हो जाए तो ज्यादा बेहतर होगा, उससे पहले तैयारी शुरू कर दी जाए। वहीं, राजद के वरिष्ठ नेता व सांसद मनोज झा ने कहा कि जातिगत जनगणना की लड़ाई हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने लड़ी थी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जब आंदोलन का ऐलान और पद यात्रा करने की बात कही तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समय दिया और आज बैठक हुई।