बिहार पंचायत चुनाव 2021 के दौरान बिहार निर्वाचन आयोग द्वारा शासकीय विभागों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को सर्तकता बरतने की आवश्यकता बतायी गयी है। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक, अधिकारियों एवं कर्मियों को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं।
बिहार में 24 अगस्त से आदर्श आचार संहिता लागू !
बिहार में पंचायत चुनाव 2021 की रणभेरी कल यानि 24 अगस्त से बज जाएगी। राज्यपाल की ओर से अधिसूचना जारी होते ही राज्य के ग्राम पंचायत क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगा, आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ हीं भले ही चुनाव लड़ रहे अभ्यर्थियों को उन नियमों का पालन करना है, लेकिन अधिसूचना जारी होते ही सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए भी आदर्श आचार संहिता की व्यवस्था कर दी गयी है। बिहार निर्वाचन आयोग की ओर से जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक, शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारीगण की भूमिका निर्वाचन को सफलतापूर्वक निष्पक्ष संपन्न कराने में महत्वपूर्ण होती है, निर्वाचन कार्य में लगे शासकीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को न केवल निष्पक्ष होना चाहिए अपितु निष्पक्ष दिखना भी चाहिए।
सरकारी कर्मी को सर्तकता बरतने की आवश्यकता
सामान्यतः बिहार निर्वाचन के दौरान शासकीय विभागों के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को सर्तकता बरतने की आवश्यकता बतायी गयी है, जारी निर्देशों के मुताबिक, अधिकारियों एवं कर्मियों को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे ऐसी आशंका भी हो कि वे किसी उम्मीदवार की मदद कर रहे हैं। चुनाव के दौरान यदि कोई मंत्री निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर ले तो किसी सरकारी कर्मचारी को उसमें शामिल नहीं होना है, यदि कोई निमंत्रण प्राप्त भी होता है तो उसे विनम्रतापूर्वक अस्वीकार करना है।
पदाधिकारी का क्षेत्रीय भ्रमण चुनावी दौरा माना जाएगा
बिहार निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों के मुताबिक, किसी प्राकृतिक प्रकोप या दुर्घटना को छोड़कर जिसमें प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता पहुंचाना आवश्यक है, निर्वाचन की घोषणा से लेकर मतदान समाप्त होने तक की अवधि के दौरान पंचायत के किसी पदाधिकारी के क्षेत्रीय भ्रमण को चुनावी दौरा माना जाना चाहिए और ऐसे दौरे में पंचायत के किसी कर्मचारी को उनके साथ नहीं रहना है।