अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। तालिबान ने कहा है कि हमारे पास कश्मीर के मुसलमानों के लिए भी आवाज उठाने का अधिकार है।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने दिया बयान
बीबीसी से खास बातचीत में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि हमारे पास कश्मीर के मुसलमानों के लिए भी आवाज उठाने का अधिकार है। तालिबान का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक तरफ भारत तालिबानियों के साथ दोहा में बातचीत कर रहा है, दूसरी तरफ तालिबानी प्रवक्ता कश्मीर को लेकर बयान दे रहे हैं। इससे अब कयास लग रहे हैं कि पाकिस्तान तालिबान के उदय का इस्तेमाल अलगाववादी एजेंडे को हवा देने के लिए कश्मीर में इस्लामी भावनाओं को भड़काने के लिए कर सकता है।
जूम कॉल के जरिए सुहैल ने बीबीसी से बातचीत की
इसके पहले अलकायदा ने तालिबानियों से कश्मीर को लेकर मदद मांगी थी। हालांकि, तालिबान ने पहले कहा था कि वो भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के मुद्दे में शामिल नहीं होगा और अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के लिए नहीं होने देगा। जूम कॉल के जरिए बीबीसी से बात करते हुए सुहैल शाहीन ने कहा कि मुसलमान के तौर पर भारत के कश्मीर में या किसी और देश में मुस्लिमों के लिए आवाज उठाने का हक तालिबान के पास है, हम आवाज उठाएंगे और कहेंगे कि मुसलमान आपके लोग है, अपने देश के नागरिक हैं, आपके कनून के मुताबिक वह सभी समान हैं। साथ ही सुहैल शाहीन ने अमेरिका के साथ हुए दोहा समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि हम किसी देश के खिलाफ सशस्त्र अभियान नहीं चलाएंगे।
भारत ने तालिबान से 31 अगस्त को बातचीत की
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 31 अगस्त 2021 को भारत ने पहली बार तालिबान के साथ आधिकारिक बातचीत की, इस दौरान भारत ने अपनी चिंताएं तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तनिकजई से शेयर की है। इस मीटिंग में भारत ने कहा कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों या किसी तरह से आतंकवाद के लिए नहीं होना चाहिए।