प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें एक बड़ा फैसला लेते हुए जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कानून में संशोधन की मंजूरी दे दी गई।
डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी
केंद्र की मोदी कैबिनेट ने आज 28 जुलाई को बैंक बंद होने की स्थिति में खाताधारकों को 90 दिन के अंदर 5 लाख रुपए तक की अपनी राशि हासिल करने की सुरक्षा देने को लेकर डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट की बैठक के बाद यह जानकारी दी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कानून में संशोधन के साथ जमा बीमा का दायरा बढ़ जाएगा और इसके अंतर्गत 98.3 फीसदी बैंक खाताधारक पूरी तरह संरक्षित हो जाएंगे। निर्मला सीतारमण ने कैबिनेट बैठक के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि इस विधेयक को मौजूदा मानसून सत्र में पेश किए जाने की उम्मीद है।
बैंक डूबने पर 90 दिन के भीतर मिलेगा ग्राहकों को पैसा
ध्यान रहे कि पीएमसी यानि पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, येस बैंक और कई अन्य सहकारी बैंकों के ग्राहक आज भी अपने पैसों के लिए परेशान हैं, बैंकों के डूबने की स्थिति में निवेशकों को पैसा डूब जाने का खतरा रहता है, लेकिन अब भविष्य में ऐसी स्थिति में बैंक डिपॉजिटर्स को कोई परेशानी नहीं होगी, बैंक डूब जाने पर भी उन्हें 90 दिन के अंदर उनका पैसा वापस मिल जाएगा।
जमा राशि पर बीमा आवरण 5 लाख रुपए है
गौरतलब है कि पिछले साल केंद्र सरकार ने पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक जैसे संकटग्रस्त बैंकों के जमाकर्ताओं को सहायता देने के लिए जमा राशि पर बीमा आवरण को 5 गुना बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया था। पीएमसी बैंक के डूबने के बाद येस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक भी संकट आए, जिनका पुनर्गठन नियामक और सरकार द्वारा किया गया। जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) अधिनियम, 1961 में संशोधन की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 में की थी।
RBI के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है DICGC
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) कानून में संशोधन विधेयक के कानून बनने के बाद इससे उन हजारों जमाकर्ताओं को तत्काल राहत मिलेगी, जिन्होंने अपना धन पीएमसी बैंक और दूसरे छोटे सहकारी बैंकों में जमा किया था। मौजूदा प्रावधानों के मुताबिक, 5 लाख रुपए तक का जमा बीमा तब लागू होता है, जब किसी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया जाता है और परिसमापन प्रक्रिया शुरू हो जाती है। डीआईसीजीसी भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो बैंक जमा पर बीमा आवरण देती है।