
केंद्र की मोदी सरकार ने सिविल सर्विसेज का जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म कर दिया है। जम्मू-कश्मीर के आईएएस, आईपीएस और आईएफस अधिकारी अब एजीएमयूटी कैडर के हिस्सा होंगे।
जम्मू-कश्मीर कैडर अब खत्म
केंद्र सरकार ने आज 7 जनवरी को सिविल सर्विसेज के जम्मू-कश्मीर कैडर को खत्म करने से संबंधित आदेश को जारी कर दिया है। केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट, 2019 में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारी अब एजीएमयूटी कैडर (अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और यूनियन टेरेटरीज कैडर) का हिस्सा होंगे।
JK से वर्ष 2019 में हटा था अनुच्छेद 370
इससे पहले जम्मू-कश्मीर कैडर के अधिकारियों की नियुक्ति दूसरे राज्यों में नहीं होती थी। केंद्र सरकार के नए आदेश के बाद अब जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों को दूसरे राज्य में भी नियुक्त किया जा सकेगा। ध्यान रहे कि मोदी सरकार ने 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया था, इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष राज्य का दर्जा भी खत्म हो गया था तथा जम्मू-कश्मीर राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस फैसले के बाद से केंद्र सरकार का फोकस लगातार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विकास पर है।
लद्दाख को लेकर शाह ने की थी बैठक
केंद्र सरकार दोनों केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को लेकर कई अहम निर्णय भी ले रही है। बीते दिनों ही लद्दाख को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बैठक की थी। लद्दाख की संस्कृति क्षेत्रीय संरक्षण और पहचान बरकरार रहे इसको लेकर अमित शाह और लेह लद्दाख के प्रतिनिधिमंडल के बीच मीटिंग हुई थी, गृह मंत्री अमित शाह ने इन मुद्दों पर काम करने के लिए एक कमेटी के गठन का ऐलान भी किया। अमित शाह ने कहा था कि मोदी सरकार लद्दाख के विकास और उसकी भूमि व संस्कृति के संरक्षण के प्रति संकल्पित है और केंद्र सरकार ने लद्दाख के लोगों की दशकों से लंबित संघ शासित राज्य की मांग को पूर्ण कर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है।