केंद्रीय गृह मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता अमित शाह ने आज पार्टी कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों की बैठक को संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने कहा कि सावरकर जैसी देशभक्ति की भावना किसी और में नहीं थी।
राजनाथ के बाद शाह ने की सावरकर पर टिप्पणी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत और इसके स्वतंत्रता संग्राम के लिए वी डी सावरकर की प्रतिबद्धता पर संदेह करने वाले लोगों पर पलटवार किया है। अमित शाह ने आज 16 अक्टूबर को अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर में कहा कि वी डी सावरकर की देशभक्ति और वीरता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ‘कुछ शर्म’ करनी चाहिए। ध्यान रहे कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में कहा था कि एक सम्मानित हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर ने महात्मा गांधी की सलाह पर अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी, जिससे विवाद पैदा हो गया था, इसके बाद अमित शाह की यह टिप्पणी आई है।
मेरे हृदय में सावरकर के लिए एक अनन्य स्थान है- शाह
अमित शाह ने वीर सावरकर को लेकर कहा कि मैंने बहुत छोटी उम्र से सावरकर जी को पढ़ा है, मेरे हृदय में हमेशा उनका एक अनन्य स्थान और उनके लिए अनन्य भक्ति भाव रहा है, मैं मन से मानता हूं कि इतनी उत्कृष्ट राष्ट्रभक्ति शायद ही ईश्वर ने किसी व्यक्ति के दिलों-दिमाग में दी होगी, जितनी वीर सावरकर जी में थी। अमित शाह ने कहा कि सावरकर को किसी सरकार ने नहीं बल्कि देश के लोगों ने उनकी अदम्य भावना और साहस के समर्थन में ‘वीर’ नाम दिया। उन्होंने कहा कि ‘भारत के 130 करोड़ लोगों द्वारा उन्हें प्यार से दी गई यह उपाधि छीनी नहीं जा सकती।’
यह दौरा मेरे लिए चिरस्मरणीय रहने वाला है- शाह
अमित शाह ने कहा कि ‘दो दिन से द्वीप समूह के अलग-अलग कार्यक्रमों में मैं यहां उपस्थित रहा हूं, कल कुछ सरकारी बैठकें करके लगभग 12 बजे दिल्ली जाऊंगा, कुल मिलाकर 3 दिन का ये दौरा मेरे लिए चिरस्मरणीय रहने वाला है। उन्होंने कि मैं 2016 में पहली बार यहां आया था तब पार्टी का अध्यक्ष था और उस समय वीर सावरकर जी की स्मृति में एक अखंड ज्योति भारत सरकार की तरफ से प्रज्ज्वलित की गई थी, ये वर्ष आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है, मोदी जी ने आजादी के अमृत महोत्सव को बहुत अच्छे तरीके से मनाने का संकल्प देश के सामने रखा है।’
राजनाथ की टिप्पणी पर खड़ा हुआ था विवाद
गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल में सावरकर के आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा था कि दया याचिकाओं पर स्वतंत्रता सेनानी को बदनाम किया जा रहा है, जिसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि ‘बार-बार, यह कहा जाता है कि उन्होंने जेल से अपनी रिहाई की मांग करते हुए ब्रिटिश सरकार के समक्ष दया याचिका दाखिल की, सच तो यह है कि उन्होंने खुद को रिहा करने के लिए दया याचिका दाखिल नहीं की, वह महात्मा गांधी थे जिन्होंने उनसे दया याचिका दाखिल करने के लिए कहा था।’