अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी को ढेर कर दिया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जवाहिरी की मौत की पुष्टि की। 71 वर्षीय अल जवाहिरी ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद से आतंकी संगठन अल कायदा का लीडर था। अल जवाहिरी काबुल में एक घर में छिपा था। दरअसल, अल जवाहिरी 9-11 की साजिश में शामिल था, इस हमले में 2977 लोगों की मौत हो गई थी, दशकों से वह अमेरिकियों पर हमले का का मास्टरमाइंड रहा है। अल जवाहिरी पर 25 मिलियन डॉलर यानि 1.97 अरब रुपए इनाम था।
अल जवाहिरी को 31 जुलाई को मार गिराया गया था
अलकायदा सरगना और खूंखार आतंकी अल जवाहिरी को अमेरिकी सीक्रेट ऑपरेशन में 31 जुलाई 2022 की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर मार गिराया गया। अल जवाहिरी की मौत की खबर 2 दिन बाद सार्वजनिक की गई। हेलफायर मिसाइल का इस्तेमाल करते हुए अल जवाहिरी को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मार गिराने का दावा किया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि एक हवाई हमले के दौरान अल कायदा चीफ अल जवाहिरी को मार गिराया गया। टेलीविजन पर संबोधन के दौरान जो बाइडेन ने कहा कि इंसाफ हुआ है और आतंकी अब जिंदा नहीं बचा है।
अमेरिका ने किया अल जवाहिरी की मौत का दावा
बाइडेन प्रशासन के अधिकारी ने बताया कि काबुल में 31 जुलाई 2022 की सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर अल कायदा चीफ को मार गिराया गया, इसके साथ ही यह दावा किया गया कि इसमें किसी अन्य व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, परिवार के लोगों को इसमें निशाना नहीं बनाया गया और ना ही कोई क्षति पहुंची है। सूत्रों के मुताबिक, भारत को पहले ही अलकायदा के मारे जाने की जानकारी थी। अमेरिकी प्रशासन सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी प्रशासन अल जवाहिरी के मारे जाने की पुष्टि हो जाने के बाद जानकारी सार्वजनिक करना चाहता था, इसीलिए बयान जारी करने में इतना वक्त लग गया।
अमेरिका ने दोहा समझौते का उल्लंघन किया- जबीउल्लाह
इधर, अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने इस अमेरिकी ऑपरेशन की कड़ी निंदा की है। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में अमेरिकी कार्रवाई की आलोचना की है, साथ ही अंतरराष्ट्रीय मानकों और दोहा समझौते का उल्लंघन करार दिया है। जबीउल्लाह मुजाहिद ने काबुल में अमेरिकी ड्रोन हमले पर बयान जारी करते हुए कहा कि 1 अगस्त 2022 को काबुल सिटी के शेरपुर इलाके के रिहाइशी इलाके में हवाई हमला किया, पहले हमले के बारे में कुछ साफ-साफ नहीं पता चल पाया, लेकिन तालिबान सरकार की तरफ से सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने जब इसकी पड़ताल की तो यह पाया कि यह हमला अमेरिकी ड्रोन ने किया था।
यह 20 सालों के विफल अनुभव की पुनरावृत्ति- जबीउल्लाह
जबीउल्लाह मुजाहिद ने आगे कहा कि तालिबान सरकार अमेरिकी ड्रोन हमले की कड़ी आलोचना करती है और यह साफतौर पर दोहा समझौता और अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों को उल्लंघन है। जबीउल्लाह ने कहा कि ऐसी कार्रवाई अमेरिका, अफगानिस्तान और क्षेत्र के हितों के खिलाफ है और यह पिछले 20 सालों के विफल अनुभव की पुनरावृत्ति है, इस तरह की कार्रवाई के दोहराव से मौजूदा अवसरों को नुकसान पहुंचेगा।