यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के परिणाम 4 अगस्त को घोषित कर दिए थे, जिसमें 829 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की थी, जबकि सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के लिए वैकेंसी की संख्या 927 थी। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 927 पदों पर वैकेंसी होने के बावजूद यूपीएससी ने 829 पदों पर उम्मीदवारों का चयन कैसे कर लिया।
सिविल सेवा परीक्षा में थी 927 वैकेंसी
यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के परिणाम 4 अगस्त को घोषित कर दिए थे, जिसमें 829 उम्मीदवारों ने सफलता हासिल की थी, जबकि सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के लिए वैकेंसी की संख्या 927 थी। ऐसे में अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर 927 पदों पर वैकेंसी होने के बावजूद यूपीएससी ने 829 पदों पर उम्मीदवारों का चयन कैसे कर लिया। क्या अब बाकी बचे 98 पद खाली रह जाएंगे, इस बात को लेकर उम्मीदवारों ने यूपीएससी से सवाल पूछने शुरू कर दिए हैं।
यूपीएससी ने एक रिजर्व लिस्ट बनाई है
वहीं अब यूपीएससी ने जानकारी दी कि वह 829 चयनित उम्मीदवारों के अलावा सफल उम्मीदवारों की एक रिजर्व लिस्ट बनाई हुई है। यूपीएससी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि सिविल सेवा परीक्षा के तहत सेवाओं/पदों पर भर्ती के लिए यूपीएससी भारत सरकार द्वारा अधिसूचित परीक्षा के नियमों को सख्ती से लागू करता है। यूपीएससी ने कहा कि यह स्पष्ट किया गया है कि सिविल सेवा परीक्षा, 2019 के लिए 927 वैकेंसी के विपरीत यूपीएससी ने पहली बार 829 उम्मीदवारों का परिणाम जारी किया है और एक रिजर्व लिस्ट भी बनाए रखी है।
रिजर्व लिस्ट उम्मीदवारों के हित में
यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन नियम, 2019 के आधार पर परिणाम घोषित किया है, इसके नियम नंबर 16 (4) और (5) के अनुसार, पहली बार 829 सफल उम्मीदवारों का रिजल्ट जारी किया है और रिजर्व लिस्ट तैयारी की गई है। यूपीएससी ने कहा कि उम्मीदवारों की रिजर्व लिस्ट का नियम दशकों से चला आ रहा है, ये कोई एक नया कदम नहीं है, ऐसा उम्मीदवारों के हित में किया जाता है, ऐसा इसलिए किया जाता है कि यदि रिजर्व कैटेगरी वाले, जनरल स्टैंडर्ड पर चुने जाते हैं, तो वे अपनी रिजर्व स्टेटस के आधार पर अपनी मनपसंद सर्विस और कैडर का चुनाव कर सकते हैं। यूपीएससी के आधिकारिक बयान के मुताबिक, यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा नियमों के नियम 16 (5) के अनुसार, वरीयता प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी होने तक उम्मीदवारों की रिजर्व लिस्ट को गोपनीय रखता है।