पाकिस्तान में जारी सियासी संग्राम के बीच इमरान खान को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी का अविश्वास प्रस्ताव पर दिया गया फैसला असंवैधानिक है। इमरान खान को अब 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना होगा।
9 अप्रैल को होगी अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग
संकटग्रस्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के कदम की वैधता से संबंधित महत्वपूर्ण मामले पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आज 7 अप्रैल 2022 को फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के फैसले को पलटते हुए गैर संवैधानिक करार दिया है। अब 9 अप्रैल 2022 को 10 बजे नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट के बाहर गो नियाजी, गो के नारे लग रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में अगर इमरान खान की हार होती है तो विपक्ष नया प्रधानमंत्री चुनें।
किसी को वोटिंग करने से नहीं रोका जाएगा- SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कि किसी भी सदस्य को वोटिंग करने से नहीं रोका जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष में खुशी की लहर है। फैसले के बाद विपक्ष ने अपना विरोध प्रदर्शन टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने कहा कि हम चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता वाली पीठ में न्यायमूर्ति एजाज-उल अहसन, न्यायमूर्ति मजहर आलम खान मियांखाइल, न्यायमूर्ति मुनीब अख्तर और न्यायमूर्ति जमाल खान मंदोखाइल शामिल थे। सुप्रीम कोर्ट ने आज ही सुनवाई के दौरान फैसला सुरक्षित किया था।
जो भी फैसला आएगा वो मंजूर होगा- इमरान
फैसले से पहले इमरान खान ने कहा था कि जो भी फैसला आएगा वो मंजूर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले से पहले चुनाव आयोग की टीम को भी बुलाया था। सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयुक्त की टीम ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जल्द चुनाव कराना संभव नहीं हैं, वहीं इमरान खान के करीबी फवाद चौधरी ने कहा कि कुछ भी हो आखिर में चुनाव ही होना है। फैसले से पहले सुप्रीम कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, सुप्रीम कोर्ट के बाहर लोगों की एक झड़प की बात भी सामने आई है।
इम्तियाज सिद्दीकी ने इमरान खान का पक्ष रखा
इस जटिल मामले में पैरवी करने के लिए विभिन्न वकील अदालत में पेश हुए थे। नईम बोखारी ने डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी का प्रतिनिधित्व किया, इम्तियाज सिद्दीकी ने प्रधानमंत्री इमरान खान का पक्ष रखा, अली जफर ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी का प्रतिनिधित्व किया और अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान ने पाकिस्तान सरकार का प्रतिनिधित्व किया। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की ओर से बाबर अवान, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लिए रजा रब्बानी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के लिए मखदूम अली खान पेश हुए थे।