असम और मेघालय के बीच चल रहा 50 साल पुराना विवाद अब सुलझ गया है। असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में अंतरराज्यीय सीमा मुद्दों के समाधान के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
असम और मेघालय का सीमा विवाद सुलझा
असम और मेघालय की सरकारों ने अपने 50 साल पुराने सीमा विवाद को दूर करने के लिए आज 29 मार्च को दिल्ली में एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के कार्यालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में असम और मेघालय के मुख्यमंत्रियों द्वारा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि दोनों राज्यों के मध्य अधिकांश मुद्दों को सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा कि ‘आज असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराना लंबित सीमा विवाद सुलझ गया है, विवाद के 12 में से 6 बिंदुओं को सुलझा लिया गया है, जिसमें करीब 70 फीसदी सीमा शामिल है, शेष 6 बिंदुओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा।’
विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन- शाह
अमित शाह ने कहा कि ‘आज का दिन एक विवाद मुक्त पूर्वोत्तर के लिए ऐतिहासिक दिन है, देश में जब से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तब से पूर्वोत्तर की शांति प्रक्रिया, विकास, समृद्धि और यहां की सांस्कृतिक धरोहर के संवर्धन के लिए अनेक वृहद प्रयास किए गए हैं।’ मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने कहा कि हम इसे आगे ले जाकर जिन बाकी जगहों पर विवाद है उन्हें हल करने कोशिश करेंगे। दूसरी ओर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी दोनों राज्यों के बीच समझौते को ऐतिहासिक दिन करार दिया तथा कहा कि यह हमारे लिए ऐतिहासिक दिन है, इस एमओयू के बाद अगले 6-7 महीनों में बाकी विवादित स्थलों की समस्या का समाधान करने का हमारा लक्ष्य है, हम पूर्वोत्तर क्षेत्र को देश में विकास का इंजन बनाने की दिशा में काम करेंगे।
मेघालय 1972 में असम से अलग होकर राज्य बना
गौरतलब है कि मेघालय साल 1972 में असम से अलग होकर एक राज्य बना था और इसने असम पुनर्गठन कानून 1971 को चुनौती दी थी जिससे 884.9 किलोमीटर लंबी साझा सीमा के विभिन्न हिस्सों में 12 इलाकों को लेकर विवाद पैदा हुआ था।