विपक्षी सदस्यों के विरोध और शोर शराबे के बीच आज वोटर आईडी कार्ड से आधार नंबर को जोड़ने के प्रस्ताव वाले विधेयक को लोकसभा से मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आज इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया, जिस पर हंगामे के बीच सदन ने मुहर लगा दी।
चुनाव सुधार संशोधन विधेयक लोकसभा से पास
चुनाव सुधार से जुड़े ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक 2021’ (The Election Laws (Amendment) Bill, 2021) को आज 20 दिसंबर को लोकसभा ने मंजूरी दे दी है। विपक्षी सदस्यों के विरोध और शोर शराबे के बीच लोकसभा ने आज इस विधेयक को मंजूरी दी। इस बिल को पास किए जाने के बाद लोकसभा को मंगलवार यानि 21 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा से पारित इस बिल में इस बात की व्यवस्था की गई है कि मतदाता को अपना मतदाता पहचान पत्र यानि वोटर आईडी कार्ड बनवाने के लिए आधार नंबर बताना अनिवार्य होगा। मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा रोकने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है, हालांकि विपक्षी दलों ने इसका लोकसभा में जमकर विरोध किया।
इस विधेयक का विपक्षी सदस्यों ने किया भारी विरोध
विपक्षी सदस्यों के भारी विरोध के बीच लोकसभा ने आज ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक 2021’ को मंजूरी दी, इसमें मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता पहचान कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ने का प्रस्ताव किया गया है। लोकसभा में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम, आरएसपी, बसपा जैसे दलों ने इस विधेयक का विरोध किया। कांग्रेस ने विधेयक को विचार के लिए संसद की स्थायी समिति को भेजने की मांग की। विपक्षी दलों ने इसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तथा संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताया।
यह विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप- रिजीजू
इस विधेयक के माध्यम से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किए जाने की बात कही गई है। इस विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सदस्यों ने इसका विरोध करना के लिए जो तर्क दिए हैं, वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास है, यह विधेयक शीर्ष अदालत के फैसले के अनुरूप है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जन प्रतिनिधित्व कानून में संशोधन का प्रस्ताव इसलिए किया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण न करा सके तथा फर्जी तरीके से मतदान को रोका जा सके।