मध्य प्रदेश और इंदौर शहर के लिए आज का दिन बहुत बड़ा दिन है। इंदौर को भारत के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब दिया गया है। इंदौर लगातार 5वीं बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर बना है।
रामनाथ कोविंद ने विजेताओं को सम्मानित किया
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के विजेताओं का ऐलान आज 20 नवंबर को हो गया है। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर लगातार पांचवीं बार भारत में पहले स्थान पर रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज विजेताओं को सम्मानित किया। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में दूसरे नंबर पर सूरत (गुजरात) और तीसरे नंबर पर विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) रहा। स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के तहत भारत को कचरा-मुक्त बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टकोण की तर्ज पर कचरा-मुक्त शहरों की श्रेणी के तहत प्रमाणित शहरों को स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड 2021 समारोह में सम्मानित किया गया।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में 4320 शहर-नगर शामिल
स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड 2021 समारोह में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की पहल ‘सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज’ के तहत बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले शहरों को मान्यता देते हुए सफाई कर्मचारियों के योगदान को सराहा गया। इस बार के स्वच्छ सर्वेक्षण में 4320 शहरों-नगरों को शामिल किया गया है, जो दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण है।
इंदौर शहर को इस बार मिले 3 पुरस्कार
दिल्ली में आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण अवार्ड 2021 समारोह में इंदौर को कचरा मुक्त शहर की स्टार रेटिंग का खिताब भी मिला है। इसके अलावा 12 करोड़ का सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज अवार्ड भी इंदौर नगर निगम ने अपने नाम किया है, ये पुरस्कार पहली बार ही शुरू किया गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में इंदौर शहर को इस बार 3 पुरस्कार मिले हैं, इसके अलावा सफाई मित्र इंदिराबाई आदिवाल को भी सम्मानित किया गया।
इंदौर में 10 स्थानों पर एलसीडी स्क्रीन लगाई गई थी
ध्यान रहे कि आज इंदौर में स्वच्छता सर्वेक्षण अवार्ड कार्यक्रम को देखने 10 स्थानों पर एलसीडी स्क्रीन लगाई गई थी, राजबाड़ा पर सफाई मित्र बड़ी संख्या में एकत्रित हुए, इस दौरान बड़ी संख्या में निगम अधिकारी भी मौजूद थे, अवॉर्ड की घोषणा होने के बाद सभी ने आतिशबाजी की और केक काटकर खुशी मनाई। स्वच्छता सर्वेक्षण अवार्ड 2021 समारोह नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया, इस समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत कई अधिकारी मौजूद थे। इस कार्यक्रम में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर बनाई गई फिल्मों और गाने को प्रदर्शित किया गया। मध्य प्रदेश को इस साल 35 पुरस्कार प्रदान किए गए।
इन पॉइन्ट्स पर इंदौर को मिला नंबर-1 का खिताब
– नगर निगम के 11 हजार 364 कर्मचारी रोज उठाते हैं 1200 टन कचरा।
– रात 3 बजे से होती है शहर की साफ सफाई और सड़कों की धुलाई।
– देश का पहला वॉटर प्लस शहर बना इंदौर।
– नाला टेपिंग की वजह की वजह से स्वच्छ हुईं नदियां।
– शहर की कान्ह और सरस्वती नदियों समेत 27 नालों को सीवर मुक्त किया गया।
– सीवरेज वाटर का ट्रीटमेंट कर पानी सड़क धुलाई, गार्डन, खेती के काम में लिया गया।
– सार्वजनिक टॉयलेट की सफाई के लिए सेंसर लगाए गए हैं।
– सेंसर से गंदगी का स्तर सीधे कंट्रोल रूम में दर्ज होता है और सफाई करने वाली टीम को मौके पर भेज दिया जाता है।
– टॉयलेट के आसपास हरियाली और पेंटिंग करवाकर खूबसूरत बनाया गया है।
– शहर की 700 दीवारों पर थ्री-डी पेंटिंग।
– शहर के प्रमुख चौराहों, सड़कों, नदी किनारों, बगीचों में स्वच्छता के संदेश लिखे गए।
– दीवारों पर कोरोना वॉरियर की थ्री-डी पेंटिंग भी बनाई गईं।
– निर्माणाधीन इमारतों को तिरपाल से ढकना किया अनिवार्य।
– शहर की आबोहवा को साफ रखने के लिए निर्माण कार्य के दौरान उठने वाली धूल और सीमेंट की रोकथाम के लिए।
– तिरपाल से ढंकना अनिवार्य किया, ऐसा न करने वाले पर निगम ने 10 हजार रुपए। तक का लगाया स्पॉट फाइन
– गंदगी फैलाने वालों पर भी किया स्पॉट फाइन।
– शराब अहातों पर भी बनाए गए यूरिनल, कचरे के लिए रखवाए गए डस्टबिन।
– शहर में हुआ 4 आर गार्डन्स का निर्माण।
– डिस्पोजल फ्री बनाए गए बाजार, 56 दुकान और सराफा चौपाटी से हुई शुरुआत।
– जीरो वेस्ट वार्ड बनाने पर रहा जोर।
– कचरा उठाने में लगे वाहनों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस ट्रेकिंग।
– कचरे की 100 फीसदी प्रोसेसिंग से हो रही 50 करोड़ सालाना की कमाई।