भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल अपने और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के लिए जैम (JAM) की परिभाषा बताई थी। आखिर समझिए क्या है पूरा मामला।
यूपी में चुनावी लड़ाई अब JAM पर आई
उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा की चुनावी लड़ाई अब जिन्ना और राम मंदिर से मुड़कर JAM पर आ गई है, भाजपा और समाजवादी पार्टी ने JAM के बहाने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की थी तो आज जवाब पूर्व यूपी के मुख्यमंत्री और समाजवाजी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से आया है।
अमित शाह ने बताया JAM का मतलब
अमित शाह ने JAM का मतलब J फॉर जिन्ना, A फॉर आधार और M फॉर मुख्तार बताया था। अमित शाह ने JAM की ये परिभाषा कल 13 नवंबर को आजमगढ़ में बताई थी, उस समय मंच पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी थे। आजमगढ़ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का संसदीय क्षेत्र भी है।
अखिलेश यादव ने बताया JAM का मतलब
विजय यात्रा की शुरुआत करने से पहले ही अखिलेश यादव ने आज 14 नवंबर को अमित शाह का जवाब दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आज अखिलेश यादव ने भाजपा के लिए भी JAM तैयार कर लिया। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा वाले JAM का मतलब है- J फॉर झूठ A फॉर अहंकार और M फॉर महंगाई। अखिलेश यहीं नहीं रूके, उन्होंने तो इस बार यूपी से भाजपा के सफाए का भी ऐलान कर दिया। अखिलेश इन दिनों विजय यात्रा पर हैं, जब कल अमित शाह और योगी आदित्यनाथ आजमगढ़ में थे तो अखिलेश यादव गोरखपुर में थे यात्रा का तीसरा चरण खत्म करके वे आज शाम लखनऊ लौट आएंगे।
शाह ने बताया था BJP के JAM का मतलब
ध्यान रहे कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल अपने और अखिलेश यादव के लिए जैम की परिभाषा बताई थी, भाजपा के JAM का मतलब उन्होंने J फॉर जन धन खाता A फॉर आधार और M फॉर मोबाइल बताया था। अमित शाह और योगी आदित्यनाथ एक यूनिवर्सिटी का शिलान्यास करने आजमगढ़ पहुंचे थे, दोनों ने मिल कर ये संदेश दिया कि अखिलेश मुस्लिम तुष्टिकरण करते है।
अखिलेश ने जिन्ना को बताया था स्वतंत्रता सेनानी
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव ने हरदोई की एक सभा में मोहम्मद अली जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी बताया था। जेल में बंद बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं, इस बात को लेकर भाजपा अब अखिलेश यादव को मुस्लिम और माफिया परस्त साबित करने में जुटी है, लेकिन अखिलेश यादव भाजपा के JAM वाले चक्रव्यूह से बचने के लिए महंगाई और झूठे वादों का एजेंडा सेट करने की कोशिश में हैं।