केंद्र की मोदी सरकार ने आज नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) प्रोग्राम की शुरुआत की। एनएमपी केंद्र सरकार के 4 साल की योजनाओं के हिसाब से बनी एक योजना है, एनएमपी प्रोग्राम सरकार के एसेट मोनेटाइजेशन इनीशिएटिव के हिसाब से मध्यम अवधि का एक रोड मैप कहा जा सकता है।
सीतारमण ने एमएनपी प्रोग्राम की शुरुआत की
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज 23 अगस्त को एमएनपी यानि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन प्रोग्राम की शुरुआत की। नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के जरिए केंद्र सरकार अगले 4 सालों में यानि वित्त वर्ष 2022 से वित्त वर्ष 2025 तक की अवधि में अपनी जिन सरकारी संपत्तियों को बेचेगी या मोनेटाइज करेगी, उसकी लिस्ट तैयार की गई है, इसके जरिए केंद्र सरकार 6 लाख करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में है।
सीतारमण ने एमएनपी के बारे में जानकारी दी
नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन योजना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन ब्राउनफील्ड संपत्तियों के बारे में है जहां निवेश पहले से ही किया जा रहा है, ये ऐसी संपत्तियां हैं जो या तो सुस्त पड़ी हैं या पूरी तरह से मोनेटाइज नहीं की गई हैं या फिर कम उपयोग की गई हैं। उन्होंने कहा कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग, रेलवे, बिजली, पाइपलाइन और प्राकृतिक गैस, नागरिक उड्डयन, शिपिंग बंदरगाह और जलमार्ग, दूरसंचार, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, खनन, कोयला और आवास तथा शहरी मामलों के मंत्रालय नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन में शामिल हैं।
हम बेहतर तरीके से मोनेटाइज करने जा रहे हैं- सीतारमण
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसमें प्राइवेट हिस्सेदारी लाकर हम इसे बेहतर तरीके से मोनेटाइज (मुद्रीकरण) करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोनेटाइजेशन के बाद जो भी संसाधन प्राप्त किए जाएंगे, उससे हम आगे आधारभूत ढांचा खड़ा करने में और अधिक निवेश करेंगे। इस योजना पर उठ रहे सवालों पर सीतारमण ने कहा कि जिन लोगों के दिमाग में ये सवाल है कि क्या हम जमीनें बेच रहे हैं, ऐसा नहीं है, राष्ट्रीय मोनेटाइजेशन पाइपलाइन ब्राउनफील्ड संपत्तियों को लेकर है, जिन्हें बेहतर तरीके से मोनेटाइज करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ये बेहद जरूरी है कि भारत यह समझे कि हमारी संपत्तियों का अधिकतम लाभ उठाने का समय आ गया है।
हम एमएनपी को कामयाब बनाएंगे- अमिताभ कांत
इस मौके पर नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि रेल, सड़क, बिजली क्षेत्र से जुड़ी 6 लाख करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा की संपत्तियों को 4 साल के दौरान मोनेटाइज किया जाएगा। अमिताभ कांत ने कहा कि हम नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को कामयाब बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, हमें लगता है कि बेहतर ऑपरेशन और मैनेजमेंट के लिए प्राइवेट सेक्टर में आना बेहद जरूरी है, इसलिए हम जमीनी स्तर पर हम मजबूती से काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।