
राजद नेता व बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जनता दल यूनाइडेट (जदयू) में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के विलय से पहले ही उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका दिया है। रालोसपा के तमाम दिग्गज नेताओं को तेजस्वी यादव ने अपने पार्टी राजद में शामिल करा लिया है।
रालोसपा के 35 बड़े नेता राजद में शामिल
जदयू नेता व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के जाने से पहले ही 12 मार्च को तेजस्वी यादव ने रालोसपा को बड़ा झटका देते हुए रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा, प्रधान महासचिव निर्मल कुशवाहा और महिला सेल की प्रमुख मधु मंजरी समेत 35 नेताओं को राजद में शामिल करा लिया है। ध्यान रहे कि रालोसपा की राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी की बैठक शुरू होने से महज एक दिन पहले यह घटनाक्रम देखने को मिला है। माना जा रहा था कि इन बैठकों के खत्म होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू के साथ उनकी पार्टी के विलय का ऐलान कर सकते हैं, इसी बीच राजद ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा के साथ यह खेल कर दिया।
कुशवाहा को बेदखल कर रालोसपा राजद में शामिल
बिहार में विधानसभा चुनाव, 2020 के संपन्न होने के बाद से ही राजनीतिक उठापटक का दौर लगातार जारी है। ऐसी अटकलें लगाई जा रही थी कि नीतीश कुमार के लव-कुश समीकरण में फिट होने के लिए उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय करने के लिए लगभग तैयार भी हो गए थे, इस बात का ऐलान 14 मार्च को होने की संभावना भी थी। हालांकि, इससे ठीक पहले रालोसपा के तमाम दिग्गजों ने कुशवाहा का दामन छोड़कर राजद के साथ चले गए, या यूं कहें कि 12 मार्च को उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी से बेदखल कर रालोसपा ही राजद में शामिल हो गई।
अब केवल कुशवाहा अपनी पार्टी में बच गए हैं- तेजस्वी
रालोसपा में फूट का सीधा असर उपेंद्र कुशवाहा के सियासी कद पर जरूर होगा, नए परिदृश्य में उनका पॉलिटिकल दबाव काफी हद तक डाउन होगा। रालोसपा नेताओं के राजद में आने के बाद तेजस्वी यादव ने खुद कहा कि अब केवल पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा अपनी पार्टी में बच गए हैं, प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र कुशवाहा, महासचिव निर्मल कुशवाहा, महिला सेल की प्रमुख मधु मंजरी समेत कई प्रकोष्ठ के प्रमुख, पदाधिकारी और झारखंड रालोसपा के प्रदेश अध्यक्ष राजद में आ गए हैं। तेजस्वी ने आगे कहा कि उपेंद्र कुशवाहा पहले कहते थे कि अगर नीतीश कुमार जैसा दोस्त हो तो दुश्मन की जरूरत नहीं पड़ती है, अब शायद कुशवाहा जी इन बातों को भूल गए हैं।