राजस्थान नगर निकायों के चेयरपर्सन के चुनावों के परिणाम आज 20 दिसम्बर को आ चुके हैं, जिनमें राजस्थान में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस ने एकतरफा क्लीन स्वीप किया है, जबकि भारतीय जनता पार्टी को बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस को 50 सीटों में से 36 सीटों पर जीत
राजस्थान नगर निकायों के चेयरपर्सन के कुल 54 सीटों में से 12 जिलों की 50 सीटों पर अब तक परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, इन 50 सीटों में से 36 सीटें कांग्रेस को मिली हैं, जबकि केवल 12 सीटें भाजपा को मिल पाई हैं। 2 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के हिस्से आई हैं। इन 50 निकाय सीटों में 7 नगर परिषद और 43 नगरपालिका की सीटें हैं। नगर परिषद की 7 सीटों में से 5 सीटें कांग्रेस ने जीती हैं, जबकि भाजपा केवल 1 सीट ही जीत पाई है तथा 1 सीट निर्दलीय उम्मीदवार के हिस्स्से आई है।
कांग्रेस को मिली एकतरफा जीत
जिन 50 सीटों के चुनाव परिणाम अभी तक आए हैं, उनमें 28 सीट पर पुरुष उम्मीदवार और 22 सीट पर महिला उम्मीदवार जीती हैं। ध्यान रहे कि नगर निकाय के चुनावों को राजस्थान विधानसभा की परीक्षा के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें कि कांग्रेस को एकतरफा जीत मिली है। हालांकि, नगर निकाय के चुनाव परिणामों से भाजपा भी कम खुश नहीं है। राजस्थान के भाजपा प्रभारी और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने कहा है कि कांग्रेस के कुशासन से जनता परेशान है और अगर राजस्थान में आज विधानसभा चुनाव हो जाएं तो भाजपा तीन चौथाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी।
कांग्रेस परिवारवाद की पार्टी- अरुण सिंह
अरुण सिंह ने कहा कि पंचायती राज चुनाव में भाजपा की शानदार जीत की दिल्ली तक चर्चा है और भाजपा की जीत की राष्ट्रीय नेतृत्व भी प्रशंसा कर रहा है। अरुण सिंह ने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से परिवारवाद की पार्टी है, वर्तमान में सोनिया गांधी हैं, पहले राहुल गांधी थे, फिर सोनिया गांधी आ गईं और अब फिर राहुल गांधी आ जाएंगे, दूसरी तरफ भाजपा एक ऐसी पार्टी है, जो राष्ट्रवाद की विचारधारा को लेकर कार्य करती है।