दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है जिसमें उन कपल के लिए जो अपने मनपसंद साथी के साथ और अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं या कर चुके हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा है कि एक वयस्क महिला अपनी मर्जी से कहीं और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र है।
वयस्क महिला किसी के साथ रहने को स्वतंत्र
दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि एक वयस्क महिला अपनी मर्जी से कहीं और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र है। दरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट में एक युवती के परिवार ने अपनी बेटी को पेश करने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में सुनवाई करते हुए यह फैसला दिया है जिसमें उसने पाया कि युवती करीब 20 साल की है और वयस्क है, ऐसी स्थिति में परिजन उस पर अपना कोई भी फैसला थोपने के लिए दबाव नहीं डाल सकते हैं। युवती के परिवार का दावा था कि वह गायब हो गई है, लेकिन इस मामले में खुद युवती ने हाई कोर्ट के सामने पेश होकर बताया कि वह अपने परिवार और घर को छोड़कर अपनी मर्जी से आई है और फिलहाल शादी करके एक व्यक्ति के साथ रह रही है। युवती ने सेक्शन 164 के तहत अपना बयान भी दर्ज कराया है।
युवती ने अपनी मर्जी से घर छोड़ा
ऐसे में जब हाई कोर्ट ने पाया कि युवती गायब नहीं है बल्कि अपनी मर्जी से अपने पैतृक घर को छोड़कर किसी व्यक्ति के साथ शादी करके रह रही है तो उसने इस मामले में याचिका का निपटारा कर दिया। इस मामले को निपटाते हुए अदालत ने कहा कि कोई भी वयस्क महिला अपनी मर्जी से कहीं भी और किसी के भी साथ रहने के लिए स्वतंत्र है। इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पाया कि इस युवती की पैदाइश वर्ष 2000 की है, यानि वह करीब 20 साल की है और वयस्क है, ऐसी स्थिति में परिजन उस पर अपना कोई भी फैसला थोपने के लिए दबाव नहीं डाल सकते हैं।
युवती को बरगलाने का लगाया था आरोप
ध्यान रहे कि परिवार की तरफ से दाखिल याचिका में कहा गया था कि यह बच्ची 12 सितंबर से घर से लापता है, याचिका में परिजनों ने संदेह जताया था कि उसे कोई लड़का बहला-फुसलाकर ले गया है। हाई कोर्ट ने इस मामले में जब पुलिस को जांच करने के आदेश दिए तो पता चला कि जिस लड़के पर लड़की के परिजनों ने शक किया, उन दोनों ने आपस में शादी कर ली है, शादी दोनों वयस्कों ने अपनी मर्जी से की है और लड़की ने इसको लेकर इकबालिया बयान भी दर्ज कराया है।
पुलिस को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश
ऐसे में जब जांच अधिकारी ने इन तमाम बातों की जानकारी दी तो हाई कोर्ट ने आदेश जारी किया कि लड़की पर उसके परिजन घर वापस लौटने का कोई भी दबाव नहीं डालेंगे, इसके अलावा कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह लड़के के घर पर दोनों को लेकर जाएंगे और उनके रहने की व्यवस्था की जाएगी। कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया है कि लड़का और लड़की दोनों में से किसी के परिजन भी उनको धमकी देकर तंग ना करने पाएं, कोर्ट ने जांच अधिकारी को भी निर्देश दिए हैं कि इस मामले में वयस्क कपल को बीट कांस्टेबल का मोबाइल नंबर दिया जाए। हाई कोर्ट ने पुलिस को कहा है कि आगे भी नजर रखने के लिए या कोई सहायता की जरूरत होने पर दंपति की सहायता की जाए।