देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सख्त कदम उठाया है। दिल्ली में दिवाली व अन्य त्योहारों पर अब सिर्फ 2 घंटे ग्रीन पटाखे जला सकते हैं।
त्योहारों पर पटाखे जलाने का समय निर्धारित
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज 30 अक्टूबर को कहा कि दिल्ली के सभी जिला मजिस्ट्रेट और दिल्ली पुलिस को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि लाइसेंस प्राप्त व्यापारियों को ही ग्रीन पटाखों की बिक्री और भंडारण करने दिया जाए। गोपाल राय ने कहा कि लोग दिवाली और गुरुपर्व जैसे त्योहारों पर रात 8 बजे से रात 10 बजे के बीच ही पटाखे फोड़ सकते हैं, जबकि क्रिसमस की पूर्व संध्या और नए साल की पूर्व संध्या पर यह समय रात 11:55 बजे से 12:30 बजे तक होगा, अगर कोई इस समय के बाद व पहले पटाखे जलाता पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निर्धारित मानकों के अनुरूप पटाखे की बिक्री
गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि केवल लाइसेंस प्राप्त व्यापारी ही पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन (पेसो) के निर्धारित मानकों के अनुरूप पटाखे बेच सकते हैं, कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट कोई ऑनलाइन ऑर्डर पर इसे बेच नहीं सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सभी जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस उपायुक्तों को निर्देश का अनुपालन करने और डीपीसीसी को एक दैनिक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
ग्रीन दिल्ली एप से जोड़े गए 21 विभाग
ध्यान रहे कि गोपाल राय ने दिल्ली के विभिन्न इलाकों से ग्रीन दिल्ली एप के माध्यम से प्रदूषण फैलाने की आ रही शिकायतों के संबंध में 29 अक्टूबर को अधिकारियों के साथ ग्रीन वार रूम में बैठक की थी। उन्होंने बताया कि ग्रीन दिल्ली एप से दिल्ली के 21 विभागों को जोड़ा गया है, इन सभी विभागों में एक-एक नोडल अधिकारी और एक-एक वरिष्ठ अधिकारी को प्रभारी बनाया गया है, सभी नोडल और प्रभारी अधिकारियों को ग्रीन दिल्ली एप के जरिए प्राप्त शिकायतों के संबंध में वार रूम से सामंजस्य स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
दिल्ली में ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों के छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया था और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति दी थी। ग्रीन पटाखे प्रदूषण कम फैलाते हैं, इनमें सल्फर डाइऑक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड के कण केवल 30 फीसदी होते हैं।