सुप्रीम कोर्ट ने आज 30 सितंबर को यूपीएससी की सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2020 टालने की याचिका को खारिज कर दिया है। अब सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2020 अपने तय समय 4 अक्टूबर को ही होगी।
सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 4 अक्टूबर को होगी
इस याचिका को सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा, 2020 देने वाले कुछ अभ्यर्थियों की तरफ से शीर्ष अदालत में दायर किया गया था, जिसमें 4 अक्टूबर को तय परीक्षा को स्थगित करने की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए कहा कि परीक्षा स्थगित नहीं होगी और 4 अक्टूबर को ही आयोजित होगी। जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने केंद्र सरकार से कहा कि वह उन अभ्यर्थियों को एक अवसर और प्रदान करने पर विचार करे जो कोरोना महामारी की वजह से अपने अंतिम प्रयास में शामिल नहीं हो सकेंगे।
2020 व 2021 के परीक्षा को साथ कराने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने सिविल सेवा की 2020 की परीक्षा को 2021 के साथ मिलाकर आयोजत करने पर विचार करने से इंकार कर दिया और कहा कि इसका प्रतिकूल असर होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी और बाढ़ के हालात की वजह से संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सर्विस प्रारंभिक परीक्षा, 2020 परीक्षा 2-3 महीने के लिए स्थगित करने हेतु दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
पहले यह परीक्षा 31 मई को होनी थी
संघ लोक सेवा आयोग ने परीक्षा की तिथि को बढ़ाने का का विरोध करते हुए कहा था कि 4 अक्टूबर को परीक्षा के आयोजन के लिए सभी जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। यूपीएससी का कहना था कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, यह परीक्षा 31 मई को होनी थी, लेकिन इसे एक बार स्थगित करने के बाद अंतत: 4 अक्टूबर को कराने का निर्णय किया गया है। आयोग ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ये भारत सरकार की मुख्य सेवाओं के लिए परीक्षा है ओर इसे अब स्थगित करना असंभव है।
कोरोना संक्रमित उम्मीदवार परीक्षा नहीं दे सकता
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा कि जिन अभ्यर्थियों के पास इस परीक्षा को देने का आखिरी अवसर है और कोविड-19 के कारण नहीं दे पा रहे हैं, उनको एक और मौका देने पर विचार करे। सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना संक्रमित उम्मीदवारों को परीक्षा में सम्मलित होने और अलग रूम में परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मेडिकल प्रोटोकॉल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के लिए क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई है। दरअसल, यूपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट ने को सूचित किया था कि खांसी और सर्दी के लक्षणों को प्रदर्शित करने वाले किसी भी व्यक्ति को अलग कमरे में बैठाया जाएगा। गौरतलब है कि सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 4 अक्टूबर को देश के 72 शहरों के 2569 केंद्रों पर आयोजित होनी है।