वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण देशव्यापी लॉक डाउन का मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर है। रघुराम राजन कोरोना संकट से निपटने में भारत की मदद के लिए यहां लौट सकते हैं।
राजन भारत की मदद करने को तैयार
वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिनों के देशव्यापी लॉक डाउन का मार झेल रही भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छी खबर आई है, कोरोना संकट से निपटने में भारत की मदद के लिए भातीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन भारत लौट सकते हैं। रघुराम राजन ने एक निजी टीवी चैनल के दिए गए अपने इंटरव्यू के दौरान कहा कि कोविड-19 की वजह से हो रहे भारत को बड़े आर्थिक क्षति को कम करने के लिए मदद करने को हमेशा तैयार हैं।
राजन क्या भारत लौट सकते हैं?
इस इंटरव्यू के दौरान जब रघुराम राजन ने सवाल पूछा गया कि क्या वह कोविड-19 की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था के नुकसान को कम करने में मदद के लिए वह भारत लौट सकते हैं, तो राजन ने जवाब दिया कि आपके इस सवाल का जवाब एकदम सीधा है, अगर भारत इस संकट के समय हमसे मदद मांगता है, तो मैं भारत आने के लिए तैयार हूं। ध्यान रहे कि इससे पहले भी रघुराम राजन कह चुके हैं कि उनके लायक अगर भारत में कोई भी सेवा करने का मौका मिलेगा तो वह भारत लौट सकते हैं।
राजन शिकागो यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर हैं
रघुराम राजन वर्तमान में अमेरिका के शिकागो यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं, राजन का भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का 3 वर्ष का कार्यकाल सितम्बर, 2016 में खत्म हुआ था, उसके बाद वो शिकागो यूनिवर्सिटी ज्वाइन कर लिए थे। राजन ने कहा कि इस समय कोविड-19 की वजह से पूरी दुनिया ही बड़ी मंदी की ओर जा रही है, मगर अगले वर्ष इसमें कुछ सुधार हो सकती है, लेकिन यह सुधार इस बात पर निर्भर करती है कि इसके लिए कैसा कदम उठाया गया है।
आईएमएफ के बाहरी समूह में शामिल हैं राजन
ध्यान रहे कि कोविड-19 संकट से भारत समेत पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था की हालत बहुत खराब हो गई है, इस बुरे हालत से निपटने के लिए आईएमएफ यानि अंतराराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बाहरी सलाहकार समूह का गठन किया, जिसमें रघराम राजन भी शामिल हैं। राजन ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यस्था के संकट का पहला प्रमाण यही है, किसी भी आपात संकट के समय भारतीय मुद्रा इतना नहीं गिरी जितनी अभी गिरी है। गौरतलब है अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या करीब 7600 को पार कर चुकी है, जबकि कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या 250 हो चुकी है।