वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए 21 दिनों के देशव्यापी लॉक डाउन से परेशान होकर गुजरात में प्रवासी मजदूरों ने लॉक डाउन को तोड़ना शुरु कर दिया है। गुजरात के सूरत में प्रवासी मजदूरों ने घर से बाहर सड़कों पर निकल कर जमकर हंगामा किया।
सूरत में प्रवासी मजदूरों का हंगामा
वैश्विक महामारी कोविड-19 से निपटने के लिए 25 मार्च से 14 अप्रैल तक 21 दिनों के चल रहे देशव्यापी लॉक डाउन से परेशान होकर गुजरात में प्रवासी मजदूरों ने लॉक डाउन को तोड़ना शुरु कर दिया है। गुजरात के सूरत में कल रात में (10 अप्रैल) प्रवासी मजदूरों ने घर से बाहर सड़कों पर निकल कर जमकर हंगामा किया। इन मजदूरों ने अपनी सैलरी तथा खाना नहीं मिलने के कारण सड़कों पर उतर कर हंगामा किया, इस दौरान मजदूरों ने आगजनी की तथा तोड़फोड़ भी किया, इन मजदूरों में ज्यादातर सूरत में लॉक डाउन के कारण फंसे हुए कपड़ा कारीगर थे।
बकाया राशि नहीं मिलने से बौखलाए मजदूर
दरअसल देशव्यापी लॉक डाउन के कारण सभी कपड़ा मिल तथा अन्य फैक्टियां बंद हो गई है जिसके कारण यहां सभी प्रवासी मजदूरों को न रोजगार है और ना पैसे बच गए हैं, जिसके कारण इन सबों को खाना पर भी आफत हो गया है, इसी से बौखला कर मजदूरों ने यहां लॉक डाउन को तोड़कर हंगामा करना शुरू कर दिया। ये सभी प्रवासी मजदूर यह मांग कर रहे थे कि उन्हें उनका बकाया राशि का जल्द से जल्द भुगतान करें या उन सबको उनके घर भेजने का प्रबंध किया जाए।
मजदूरों ने आगजनी तथा तोड़फोड़ की
इन प्रवासी मजदूरों का हंगामा उग्र रूप ले लिया, कई वाहनों में आग लगाकर उसे जला दिया तथा वाहनों की तोड़फोड भी की। इस घटना की जानकारी मिलते ही गुजरात पुलिस मौके पर पहुंचकर इन सभी मजदूरों पर लाठी चार्ज करके भगाया और स्थिति को काबू में लिया। ध्यान रहे कि कोविड-19 से देशवासियों को बचाने के लिए भारत सरकार द्वारा 21 दिनों का देशव्यापी लॉक डाउन अभी चल रहा है, जिसकी अवधि 14 अप्रैल को पूरी होगी। गौरतलब है अब तक भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की कुल संख्या करीब 7600 पहुंच चुकी है, जबकि कोरोना महामारी से मरने वालों की संख्या 249 हो चुकी है।