भारत-यूरोपीय संघ के 15वें शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा- विश्व शांति के लिए भारत और यूरोपीय संघ की भागीदारी बहुत जरूरी !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व शांति के लिए भारत और यूरोपीय संघ की भागीदारी बहुत जरूरी है, भारत और यूरोपीय संघ नेचुरल पार्टनर हैं, विश्व शांति और स्थायित्व के लिए हमारी भागीदारी बहुत मायने रखती है।

विश्व शांति के लिए भारत और यूरोपीय संघ की भागीदारी बहुत जरूरी- मोदी

भारत-यूरोपीय संघ का 15वां शिखर सम्मेलन आज यानि 15 जुलाई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि विश्व शांति के लिए भारत और यूरोपीय संघ की भागीदारी बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें कोरोना वायरस महामारी के चलते मार्च में इस सम्मेलन को रद्द करना पड़ा था, यह अच्छा है कि हम वर्चुअल माध्यम से आज एक साथ आ पाए हैं।

जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियां भारत और यूरोपीय संघ के लिए अहम- मोदी

भारत-यूरोपीय संघ के 15वें शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्तमान चुनौतियों के अलावा जलवायु परिवर्तन जैसी दीर्घकालीन चुनौतियां हमारे सामने हैं, जो भारत और यूरोपीय संघ के लिए अहम हैं। उन्होंने कहा कि भारत में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के हमारे प्रयासों के साथ-साथ हम इस क्षेत्र में यूरोप से निवेश और प्रौद्योगिकी को आमंत्रित करते हैं।

भारत और यूरोपीय संघ नेचुरल पार्टनर- मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत और यूरोपीय संघ के संबंधों के महत्व को बताते हुए कहा कि भारत और यूरोपीय संघ नेचुरल पार्टनर हैं, विश्व शांति और स्थायित्व के लिए हमारी भागीदारी बहुत मायने रखती है। उन्होंने कहा कि आज के वैश्विक हालातों को देखा जाए तो यह हकीकत और ज्यादा रूप से स्पष्ट होकर सामने आई है। इस सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया, वहीं यूरोपीय संघ का नेतृत्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल तथा यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने किया।

भारत और यूरोपीय संघ ने असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए

इस सम्मेलन से एक दिन पहले यानि 14 जुलाई को भारत और यूरोपीय संघ ने एक असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर किए थे, इस समझौते में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग के लिए अनुसंधान और विकास सहित असैनिक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में व्यापक सहयोग के प्रावधान किए गए हैं। ध्यान रहे कि यूरोपीय संघ भारत के लिए रणनीतिक रूप से एक महत्वपूर्ण समूह है, वर्ष 2018 में यूरोपीय संघ भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, 2018-19 में यूरोपीय संघ के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 115.6 अरब अमेरिकी डॉलर का था, इसमें निर्यात 57.67 अरब अमेरिकी डॉलर का था, जबकि आयात 58.42 अरब अमेरिकी डॉलर का था।

कोरोना के खिलाफ जंग में चार्ल्स मिशेल ने भारत की सराहना की

इस सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इस वार्ता से यूरोप के साथ भारत के आर्थिक और सांस्कृ्तिक संबंध मजबूत होंगे, जबकि यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल ने कहा कि मैं भारत को धन्यवाद कहना चाहूंगा जिस तरह आपके यानि नरेंद्र मोदी के देश ने यूरोपीय यूनियन के साथ सहयोग प्रदर्शित किया है, वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में मैं भारत की राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय भूमिका की सराहना करता हूं।

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