उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में दिहाड़ी मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण करने वाले एक मजदूर को आयकर विभाग द्वारा 8 करोड़ 64 लाख रुपए की रिकवरी का नोटिस मिला है। नोटिस मिलने के बाद मजदूर के तो होश ही उड़ गए, उसने न्याय की गुहार लगाते हुए बुलंदशहर एसएसपी के दफ्तर का दरवाजा खटखटाया।
जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, गुलावठी क्षेत्र के गांव बराल निवासी अंकुर कुमार के दस्तावेजों पर कोई कंपनी संचालित बताई जा रही है, जबकि अंकुर गांव के आसपास में ही मजदूरी करके जीवन यापन करता है। अंकुर ने एसएसपी को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसने वर्ष 2017 में हाईस्कूल की परीक्षा पास की थी, जबकि वह मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। आरोप है कि साल 2019 में गांव ही निवासी एक युवक ने उसकी मुलाकात अपने जीजा, यानि गांव के ही रिश्ते के दामाद से कराई, इसके बाद उसके जीजा ने नौकरी दिलाने के नाम पर उसे एक अन्य युवक से मिलवाया और प्रमाणपत्र समेत शैक्षिक दस्तावेज उसे सौंपने को कहा।
गांव में मजदूरी करता है पीड़ित अंकुर
आरोपी ने उससे शैक्षिक दस्तावेज व अन्य प्रमाण पत्र ले लिए जबकि इस दौरान उससे कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी कराए गए। पीड़ित ने बताया उसके दो दिन बाद उसके दस्तावेज तो वापस कर दिए गए लेकिन उसे नौकरी नहीं मिल सकी। फिलहाल पीड़ित गांव में मजदूरी करता है जबकि पीड़ित के होश उस वक्त फाख्ता हो गए जब उसे आयकर विभाग की ओर से एक नोटिस प्राप्त हुआ।
पीड़ित ने कभी बैंक अकाउंट नहीं खुलवाया
पीड़ित अंकुर ने बताया कि दस्तावेजों पर एक बैंक खाता खोला गया और उससे 8.64 करोड़ रुपये का लेनदेन किया गया है, जबकि उसने न तो कोई बैंक खाता खुलवाया और न ही कोई व्यापार किया है। फिलहाल पीड़ित ने मामले में बुलंदशहर एसएसपी श्लोक कुमार को शिकायती पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं, मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी ने पूरे प्रकरण में सीओ सिकंदराबाद विकास प्रताप चौहान को जांच सौंपते हुए दोषियों पर जांच के बाद कार्रवाई के आदेश दिए हैं।