प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वेस्ट टू वेल्थ विजन (West to Wealth Vision) से प्रेरित देश के पहले स्टील स्लैग रोड (India’s first steel slag road) का आज केंद्रीय इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह (रामचंद्र प्रसाद सिंह) ने गुजरात के सूरत में उद्घाटन किया। यह रोड बंदरगाह को शहर से जोड़ता है।
1 किलोमीटर लंबी स्टील स्लैग रोड का हुआ उद्घाटन
देश के पहले स्टील स्लैग रोड का आज 15 जून 2022 को केंद्रीय इस्पात मंत्री रामचंद्र प्रसाद सिंह ने सूरत में उद्घाटन किया। यह स्टील स्लैग रोड सीएसआईआर और सीआरआरआई द्वारा विकसित तकनीक से निर्मित 6 लेन रोड है, इसकी लंबाई 1 किलोमीटर है, जो बंदरगाह को शहर से जोड़ता है। इस रोड का उद्घाटन करने के बाद आरसीपी सिंह ने कहा कि यह रोड हरित और टिकाऊ बुनियादी ढांचे की दिशा में एक सुनहरा कदम है, इस सड़क से प्राप्त अनुभव का इस्तेमाल आने वाले दिनों में किया जाएगा, खासकर स्टील स्लैग के व्यापक उपयोग के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश विकसित करने के लिए। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में स्टील स्लैग का उपयोग जरूरी है, क्योंकि देश में विभिन्न प्रक्रिया मार्गों से स्टील स्लैग का उत्पादन वर्तमान में 45 मिलियन टन से बढ़कर 2030 तक 90-100 मिलियन टन से अधिक होने की संभावना है।
यह डीकार्बोनाइजेशन में मदद कर रहा है- आरसीपी
केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि इसके अलावा ब्लास्ट फर्नेस से उत्पन्न होने वाले लोहे के स्लैग का उपयोग लगभग 25 मिलियन टन सालाना सीमेंट निर्माण में किया जा रहा है, यह डीकार्बोनाइजेशन में मदद कर रहा है और इस प्रकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2070 तक कार्बन तटस्थता की ओर बढ़ने की हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करता है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय इस्पात मंत्रालय सड़क निर्माण, कृषि में मिट्टी के पोषक तत्वों और उर्वरकों के प्रतिस्थापन, रेलवे के लिए गिट्टी और ग्रीन सीमेंट बनाने के लिए ऐसी सामग्री का उपयोग करने के लिए अन्य सभी विकल्प तलाश रहा है।
सर्कुलर इकोनॉमी समय की मांग- आरसीपी
आरसीपी सिंह ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी समय की मांग है और हमें इसे अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाना होगा, स्टील प्रोसेस्ड स्लैग के 100 फीसदी उपयोग से निर्मित सड़क कचरे को धन में बदलने और स्टील प्लांटों की स्थिरता में सुधार का एक वास्तविक उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में ऐसी सामग्री के उपयोग से न केवल जीवन में वृद्धि होगी बल्कि निर्माण की लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी।