देश की राजधनी दिल्ली में दिल्ली पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिली है। दिल्ली पुलिस ने फर्जी मार्कशीट बेचने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह अब तक करीब 1000 फर्जी अंकपत्र एवं अन्य शैक्षणिक प्रमाणपत्र बेच चुका है।
फर्जी मार्कशीट बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश
दिल्ली में रोहिणी साइबर पुलिस स्टेशन ने फर्जी मार्कशीट बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह अब तक करीब 1000 फर्जी अंकपत्र और अन्य शैक्षणिक प्रमाणपत्र बेच चुका है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है। डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि दीपक कुमार ने 15 अप्रैल 2022 को शिकायत दी थी, पीड़ित ने बताया कि उसने फेसबुक पर यमुना आईएएस नाम की संस्था के विभिन्न कोर्स के विषय में पड़ताल की, फिर वह बताए हुए पते पर पहुंच गया, जहां उसे साढ़े 3 लाख रुपए में बीएचएमएस में प्रवेश का झांसा दिया गया। पीड़ित ने ढाई लाख रुपए दे दिए, लेकिन उसे एडमिशन नहीं दिया गया तो ठगी का अहसास हुआ।
शकरपुर इलाके से जितेंद्र साहू गिरफ्तार
इस मामले में इंस्पेक्टर अजय दलाल के नेतृत्व में एसआई सोहन लाल की टीम गठित की गई। पुलिस ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर छापा मारकर शकरपुर इलाके से जितेंद्र साहू को गिरफ्तार कर लिया, इसके कब्जे से प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों और विभिन्न बोर्ड के 65 फर्जी अंकपत्र भी बरामद किए गए। आरोपी ने बताया कि वह आईएएस की तैयारी करने वालों को गणित आदि पढ़ाता था, लेकिन लॉकडाउन में काम बंद हो गया, फिर वह अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर फर्जी अंकपत्र बेचने का काम शुरू कर दिया। आरोपी ने बताया कि वह अपने साथियों के साथ वॉट्सऐप के जरिए सम्पर्क करता था, अब तक यह गिरोह करीब 1000 अंकपत्र बेच चुका है।
फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी
पुलिस के जांच में पता चला है कि आरोपी कुछ विश्वविद्यालयों की वेबसाइट भी हैक कर उसके डेटा में छेड़छाड़ करते थे, इसके अलावा फर्जी डोमेन नाम के आधार पर वेबसाइट बनाकर उसे मार्कशीट खरीदने वालों को भेजते थे ताकि वे डाउनलोड कर सकें और उन्हें ठगी का अहसास न हो। दिल्ली पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।