प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज मुंबई में 80वें वार्षिक मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार समारोह में राष्ट्र और समाज के लिए उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए पहला लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लता दीदी मुझसे सिर्फ उम्र से नहीं कर्म से भी बड़ी थीं।
मोदी को मिला प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज 24 अप्रैल 2022 को मुंबई में प्रथम लता दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लता दीदी उम्र और कर्म से भी बड़ी थी, लता दीदी ने संगीत में वो स्थान हालिस किया कि लोग उन्हें मां सरस्वती का प्रतिरूप मानते थे, उनकी आवाज ने करीब 80 वर्षों तक संगीत जगत में अपनी छाप छोड़ी थी।
मुझे दिया गया ये पुरस्कार जन-जन का है- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि मुझे गर्व होता है कि लता दीदी मेरी बड़ी बहन थीं, पीढ़ियों को प्रेम और भावना का उपहार देने वाली लता दीदी की तरफ से हमेशा एक बड़ी बहन जैसा अपार प्रेम मुझे मिला है, इससे बड़ा सौभाग्य और क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि पुरस्कार जब लता दीदी जैसी बड़ी बहन के नाम से हो तो मेरे लिए उनके अपनत्व और प्यार का ही एक प्रतीक है, मैं इस पुरस्कार को सभी देशवासियों के लिए समर्पित करता हूं, जिस तरह लता दीदी जन-जन की थीं, उसी तरह से उनके नाम से मुझे दिया गया ये पुरस्कार जन-जन का है।
संगीत की शक्ति को लता दीदी के रूप में देखा- मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि लता दीदी ने आजादी से पहले से भारत को आवाज दी, इन 75 वर्षों की देश की यात्रा उनके सुरों से जुड़ी रही, इस पुरस्कार से लता जी के पिता जी दीनानाथ मंगेशक जी का नाम भी जुड़ा है, मंगेशकर परिवार का संगीत के लिए जो योगदान रहा है उसके लिए हम सभी देशवासी उनके ऋणी हैं। उन्होंने कहा कि संगीत एक साधना और भावना भी है, संगीत आपको राष्ट्रभक्ती और कर्तव्य बोध के शिखर तक पहुंचा सकता है, हम सब सौभाग्यशाली है कि हमने संगीत की इस शक्ति को लता दीदी के रूप में साक्षात देखा है, हमें अपने आंखों से उनके दर्शन करने का सौभाग्य मिला है।