दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के अवसर पर हुई हिंसा के बाद हिंसा के आरोपियों के अतिक्रमण को गिराने के लिए बुलडोजर एक्शन पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसके बाद अंतरिम आदेश जारी किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाल दी है, हालांकि तब तक सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों से जवाब मांगा है।
फिलहाल 2 हफ्ते तक बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा
दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण पर फिलहाल 2 हफ्ते तक बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने आज 21 अप्रैल 2022 को सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश जारी किया है। अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी, फिलहाल कल यानि 20 अप्रैल 2022 का अंतरिम आदेश जारी रहेगा और यह आदेश सिर्फ दिल्ली के जहांगीरपुरी के लिए है।
एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है- दुष्यंत दवे
जहांगीरपुर में हिंसा के बाद 20 अप्रैल 2022 को चले बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से पक्ष रख रहे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने इसे राष्ट्रीय महत्व का मामला करार दिया, इसके साथ ही उन्होंने एक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया। सुनवाई के दूसरे दिन दुष्यंत दवे ने कहा कि पहले कभी भी इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई, उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली पुलिस ने हिन्दू पक्ष के ऊपर भी एफआईआर की है कि आपने बिना अनुमति यात्रा निकाली।
जस्टिस नागेश्वर राव व जस्टिस गवई ने की सुनवाई
दूसरी तरफ, जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की सुनवाई कर रही बेंच से सॉलिसीटर जनरल कहा कि इनको केस के तथ्यों पर बात करने के लिए कहिए, यह भाषण का मंच नहीं है, इसके बाद जज ने कहा कि आप केस पर बात करिए, जस्टिस की तरफ से कहा गया कि अतिक्रमण हटाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं, ये काम बुलडोजर से ही होता है। वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि कानूनन 5 से 15 दिन का नोटिस मिलना चाहिए था, ऐसे मामलों में कई बार कोर्ट ने नोटिस की मियाद को बढ़ाया है, उन्होंने आगे कहा कि भाजपा नेता ने चिट्ठी लिखी और लोगों को बिना मौका दिए कार्रवाई शुरू हो गई, दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनी है, लगभग 50 लाख लोग रहते हैं, लेकिन एक ही कॉलोनी को निशाना बनाया जा रहा है, 30 साल से ज्यादा पुराने निर्माण को अचानक गिराना शुरू कर दिया।
अतिक्रमण-अवैध निर्माण पूरे देश की समस्या- सिब्बल
जबकि, दूसरी तरफ कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण पूरे देश की समस्या है, लेकिन इसकी आड़ में एक समुदाय को निशाना बना रहे हैं, एमपी के मंत्री ने कहा कि अगर मुसलमान धार्मिक यात्रा पर हमला करेंगे तो उनसे कोई रियायत नहीं होगी, यह किसने तय कर दिया, यह कहां का कानून है, कहीं-कहीं तो समुदाय के लोगों को अपने इलाके में कैद से कर दिया गया है, यह समय है कि अदालत यह संदेश दे कि देश में कानून का शासन है।
यह काम बुलडोजर से ही होता है- सुप्रीम कोर्ट
अदालत ने कहा कि हम देश भर में अतिक्रमण हटाने का अभियान रोकने का आदेश नहीं दे सकते। कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं बुलडोजर की बात कर रहा हूं, जिस तरह से सब हो रहा है, यह गलत है। अदालत ने कहा कि यह काम बुलडोजर से ही होता है, वैसे हम आपकी बात समझ गए। अदालत में दुष्यंत दवे, पी वी सुरेंद्रनाथ, संजय हेगड़े, एम आर शमशाद ने बताया कि कल आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी बुलडोजर चलता रहा।
सॉलिसीटर जनरल ने लगाया एक संगठन पर आरोप
सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि इस इलाके में 19 जनवरी 2022 से अभियान चल रहा है, अब एक संगठन (जमीयत उलेमा ए हिंद) मामले में कूद गया और मसले को जटिल बना रहा है, जनवरी से अब तक स्थानीय लोग हाई कोर्ट नहीं गए क्योंकि उन्हें पता है कि कागज दिखाने पड़ेंगे। सॉलिसीटर जनरल ने कहा कि खरगौन में हिंदुओं की भी 88 संपत्ति तोड़ी गई है, इसके नोटिस 2021 में दिए गए थे, यह एक पैटर्न बन गया है कि कोई संगठन मामले में कूदता है, फिर इसे राजनीतिक मसला बना लिया जाता है।
फिलहाल कल का अंतरिम आदेश जारी रहेगा- SC
अदालत ने कहा कि सभी लोग एक दूसरे की दलीलों पर जवाब दें, फिलहाल कल का अंतरिम आदेश जारी रहेगा, हम सभी याचिकाओं पर नोटिस कर रहे हैं, 2 हफ्ते बाद सुनवाई होगी। अदालत ने कहा कि अगर हमारे आदेश के बाद भी कार्रवाई चलती रही है तो हम इसे भी गंभीरता से लेते हैं, इसका मतलब यह है कि कल जो आदेश दिया था, उसके बाद भी कार्रवाई जारी रहने की जानकारी हमें दी गई है, इसे हम गंभीरता से ले रहे हैं, लेकिन इस सवाल को बाद में देखा जाएगा।